Siya Se Kahe Hanumana Re Lyrics || सिया से कह हनुमाना रे लिरिक्स
सिया से कहे हनुमाना रे,
माँ क्यों सिंदूर लगाया ।
सिया से कहें हनुमाना रे,
माँ क्यों सिंदूर लगाया ।।
पूछे जब हनुमान गोसाई,
सुनके सिता माँ मुस्काई ।
पूछे जब हनुमान गोसाई,
सुनके सिता माँ मुस्काई ।।
भेद ये मुझे बताना रे,
माँ क्यों सिंदूर लगाया ।
सिया से कहें हनुमाना रे,
माँ क्यों सिंदूर लगाया ।।
माँ ने हनुमत को समझाया,
फिर सिंदूर का भेद बताया ।
प्रसन्न होते भगवाना रे,
तभी मैंने सिंदूर लगाया ।।
सिया से कहें हनुमाना रे ।
माँ क्यों सिंदूर लगाया ।।
हनुमत को ये वचन सुहाए,
मेरे राम को रंग ये भाए ।
हनुमत को ये वचन सुहाए,
मेरे राम को रंग ये भाए ।।
विचार ये मन में ठाना रे,
माँ क्यों सिंदूर लगाया ।
सिया से कहें हनुमाना रे,
माँ क्यों सिंदूर लगाया ।।
करतब हनुमत करे निराला,
बदन सिंदूरी सब कर डाला ।
करतब हनुमत करे निराला,
बदन सिंदूरी सब कर डाला ।।
प्रभु को मुझे मनाना रे,
तन पर सिंदूर लगाया ।
सिया से कहें हनुमाना रे,
माँ क्यों सिंदूर लगाया ।।
लाल रंग में देखे हनुमान,
चकित हो के पूछे श्री राम ।
लाल रंग में देखे हनुमान,
चकित हो के पूछे श्री राम ।।
ये लीला क्या है बताना रे,
तुमने क्यों सिंदूर लगाया ।
सिया से कहें हनुमाना रे,
माँ क्यों सिंदूर लगाया ।।
वचन फिर श्री राम ने बोला,
यही रंग होगा तुम्हारा चोला ।
सदा सिंदूर लगाना रे,
वरदान राम से पाया ।।
सिया से कहें हनुमाना रे ।
माँ क्यों सिंदूर लगाया ।।
सिया से कहे हनुमाना रे,
माँ क्यों सिंदूर लगाया ।
सिया से कहें हनुमाना रे,
माँ क्यों सिंदूर लगाया ।।

1 thought on “Siya Se Kahe Hanumana Re Lyrics || सिया से कह हनुमाना रे लिरिक्स”