Fagan Ka Rang Chadha Lyrics || फागणिये का रंग चढ़ा लिरिक्स
फागणिये का रंग चढ़ा, फिर मस्ती बरसेगी वहाँ, जहाँ है सांवरा ..............। फागण के मेले भक्तों के रेले, झूम झूम...
फागणिये का रंग चढ़ा, फिर मस्ती बरसेगी वहाँ, जहाँ है सांवरा ..............। फागण के मेले भक्तों के रेले, झूम झूम...
फागण महीना आया उड़ता गुलाल, शीश दानी बाबा खाटू वाले सजते, प्रेमी नाचते हैं झूम झूम, ढोलक नगाड़े चंग बजते।...
हाथ जोड़ विनती करूँ, सुणियो चित्त लगाय, दास शरण में आ गयो, मेरी लज्जा रखियो श्याम। तेरी हो रही जय...
सजा है सुन्दर सा दरबार, उसमे बैठे लखदातार, लाखों की है भीड़ अपार, लम्बी लम्बी लगी कतार, फागुन मेला आ...
म्हें तो ढूंढ्यो जग सारो, थां स्यूं कोई नहीं न्यारो, देख्यो थां रो ही उणियारो, अब तो मोर मुकुट सिर...
जब कभी उलझन में हुआ उदास, जिया मेरा सांवरिया बहलाय, इसको पुकार के बैठूं जब हार के, दौड़ा दौड़ा आये...
गर जोर मेरो चाले, हीरे मोत्यां सै नज़र उतार दूँ, जईया वारु लूण राई बाबा, सोना चांदी वार दूँ, ग़र...
ढूंढ्यो सारो म्हे संसार, थांसों दूजो ना सरकार, सै की बिगड़ी बनाओ, थे ऐसा कारीग़र। ढूंढ्यो सारो म्हे संसार.......। समझ...