दीनबन्ध्वष्टक – Dinabandhvashtak ( यस्मादिदं जगदुदेति चतुर्मुखाद्यं यस्मिन्नवस्थितमशेषमशेषमूले )
जो लोग ब्रह्मानन्द के कहे हुए इस दीनबन्ध्वष्टक नामक पवित्र स्तोत्र का नित्य पाठ करते हैं उनके ऊपर दीनबन्धु भगवान्...
जो लोग ब्रह्मानन्द के कहे हुए इस दीनबन्ध्वष्टक नामक पवित्र स्तोत्र का नित्य पाठ करते हैं उनके ऊपर दीनबन्धु भगवान्...