नारायणाष्टक – Narayanashtak
जैसे प्रह्लाद, विभीषण, गजराज, द्रौपदी, अहल्या और ध्रुव आदि 'नारायण' शब्द के संकीर्तन मात्र से दुःख से मुक्त होकर सुखी...
जैसे प्रह्लाद, विभीषण, गजराज, द्रौपदी, अहल्या और ध्रुव आदि 'नारायण' शब्द के संकीर्तन मात्र से दुःख से मुक्त होकर सुखी...
माँ मातंगी स्तोत्र || Maa Matangi Stotra मातङ्गीं मधुपानमत्तनयनां मातङ्ग सञ्चारिणीं कुम्भीकुम्भविवृत्तपीवरकुचां कुम्भादिपात्राञ्चिताम् । ध्यायेऽहं मधुमारणैकसहजां ध्यातुस्सुपुत्रप्रदां शर्वाणीं सुरसिद्धसाध्यवनिता संसेविता...
तुलसी पौधे को हमारे हिन्दू धर्म में पूजनीय व् देवी का दर्जा दिया गया हैं ! यह तो आप सब...
श्री सीताराम स्तोत्रम् || Sitaram Stotram अयोध्यापुरनेतारं मिथिलापुरनायिकाम् । रघावाणामलङ्कारं वैदेहानामलङ्क्रियाम् ॥ १ ॥ रघूणां कुलदीपं च निमीनां कुलदीपिकाम् ।...
श्री परशुराम स्तोत्र || Shri Parshuram Stotram कराभ्यां परशुं चापं दधानं रेणुकात्मजं । जामदग्न्यं भजे रामं भार्गवं क्षत्रियान्तकं ॥१॥ नमामि...
त्रिपुर सुंदरी मानस पूजा स्तोत्र || Tripurasundari Manasa Puja Stotram मम न भजनशक्तिः पादयोस्ते न भक्ति- र्न च विषयविरक्तिर्ध्यानयोगे न...
माँ षोडशी त्रिपुर सुन्दरी स्तोत्र || Maa Shodashi Tripura Sundari Stotra कदम्ब वन चारिणी मुनि कदम्ब कदम्ब कादम्बिनी, नितम्ब जित...
माँ षोडशी त्रिपुर सुन्दरी स्तोत्र || Maa Shodashi Tripura Sundari Stotra कदम्ब वन चारिणी मुनि कदम्ब कदम्ब कादम्बिनी, नितम्ब जित...
श्री त्रिपुर सुन्दरी वेदसार स्तोत्रम || Sri Tripurasundari Vedasara Stotram कस्तूरीपङ्कभास्वद्गलचलदमलस्थूलमुक्तावलीका ज्योत्स्नाशुद्धावदाता शशिशिशुमकुटालंकृता ब्रह्मपत्नी। साहित्यांभोजभृङ्गी कविकुलविनुता सात्विकीं वाग्विभूतिं देयान्मे शुभ्रवस्त्रा...
वासुदेव कृत श्री कृष्ण स्तोत्र || Vasudev Krut Shrikrishna Stotra || Shri Krishna Stotra श्रीमन्तमिन्द्रियातीतमक्षरं निर्गुणं विभुम् । ध्यानासाध्यं च...
शिवप्रातःस्मरणस्तोत्रम् || Shiva Pratah Smaran Stotram || प्रातः स्मरामि भवभीतिहरं सुरेशं गङ्गाधरं वृषभवाहनमम्बिकेशम् । खट्वाङ्गशूलवरदाभयहस्तमीशं संसाररोगहरमौषधमद्वितीयम् ॥१॥ प्रातर्नमामि गिरिशं गिरिजार्धदेहं...
भक्त मनोरथसिद्धिप्रदं गणेश स्तोत्र || Bhakta Manoratha Siddhipradam Ganesha Stotram ॥ भक्तमनोरथसिद्धिप्रदं गणेशस्तोत्रम् ॥ श्री गणेशाय नमः । स्कन्द उवाच...