श्री वामन स्तोत्रम् || Sri Vamana Stotra
श्री वामन स्तोत्रम् || Sri Vamana Stotra अदितिरुवाच । यज्ञेश यज्ञपुरुषाच्युत तीर्थपाद तीर्थश्रवश्श्रवण मङ्गलनामधेय । आपन्नलोकवृजिनोपशमोदाऽऽद्य शं नः कृधीश भगवन्नसि...
श्री वामन स्तोत्रम् || Sri Vamana Stotra अदितिरुवाच । यज्ञेश यज्ञपुरुषाच्युत तीर्थपाद तीर्थश्रवश्श्रवण मङ्गलनामधेय । आपन्नलोकवृजिनोपशमोदाऽऽद्य शं नः कृधीश भगवन्नसि...
श्री बगलामुखी हृदय स्तोत्र || Shri Baglamukhi Hridaya Stotram || Bagla Hridaya Stotra वन्देऽहं देवीं पीतभूषणभूषिताम् । तेजोरुपमयीं देवीं पीततेजः...
विनियोगः ॐ अस्याः श्री गायत्र्याः श्रीपरब्रह्मऋषिः | ऋग्यजुः सामथर्वांछन्दांसि | श्रीगायत्री ब्रह्माणी देवता | धर्मार्थकाम मोक्षार्थे जपे विनियोगः | ||...
श्री हनुमत् भुजङ्ग स्तोत्रम् || Sri Hanuman Bhujanga Stotram स्फुरद्विद्युदुल्लासवालाग्रघण्टा – झणत्कारनादप्रवृद्धाट्टहासम् । भजे वायुसूनुं भजे रामदूतं भजे वज्रदेहं भजे...
श्री नृसिंह गिरि अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम् || Sri Narasimha Giri Ashtottara Shatanama Stotram ब्रह्मवर्ण समुद्भूतो ब्रह्ममार्गप्रवर्द्धकः । ब्रह्मज्ञानसदासक्तो व्रह्मज्ञानपरायणः ॥...
श्री कृष्ण मानस पूजा स्तोत्रम् || Sri Krishna Manasa Puja Stotram हृदम्भोजे कृष्णस्सजलजलदश्यामलतनुः सरोजाक्षः स्रग्वी मकुटकटकाद्याभरणवान् । शरद्राकानाथप्रतिमवदनः श्रीमुरलिकां वहन्...
श्री महालक्ष्मी हृदय स्तोत्र || Sri Mahalakshmi Hrudayam Stotram || Mahalaxmi Hrudayam Stotram श्रीमत सौभाग्यजननीं , स्तौमि लक्ष्मीं सनातनीं !...
श्री कृष्ण लीला वर्णन स्तोत्रम् || Shri Krishna Leela Varnana Stotram || Krishna Leela Varnana Stotra भूपालच्छदि दुष्टदैत्यनिवहैर्भारातुरां दुःखितां, भूमिं...
श्री ललिता पञ्चरत्नं स्तोत्र || Sri Lalitha Pancharatnam Stotram || Lalita Pancharatnam Stotram प्रातः स्मरामि ललितावदनारविन्दं बिम्बाधरं पृथुलमौक्तिकशोभिनासम् । आकर्णदीर्घनयनं...
श्री लक्ष्मी नारायण स्तोत्रम् || Shri Lakshmi Narayana Stotram || Shri Laxmi Narayana Stotram ध्यानम् चक्रं विद्या वर घट गदा...
श्री कार्तिकेय स्तोत्र || Sri Kartikeya Stotram || Sri Karthikeya Stotram स्कंद उवाच – योगीश्वरो महासेनः कार्तिकेयोऽग्निनन्दनः। स्कंदः कुमारः सेनानी...
गजेन्द्र मोक्ष स्तोत्र || Gajendra Moksha Stotram || Gajendra Moksha Stotra श्रीशुक उवाच ” एवं व्यवसितो बुद्ध्या समाधाय मनो ह्रदि...