Tere Dar Ka Kanha Ajab Hai Najara Lyrics || तेरे दर का कान्हा अजब है नजारा लिरिक्स
तेरे दर का कान्हा, अजब है नजारा,
जो आया शरण मे, वो पाया सहारा
जिसे सारी दुनिया ने ठुकरा दिया है,
उम्मीदो का जिसका बुझा हर दीया है,
भटकता है जो दर बदर मारा मारा,
मिली श्याम किरपा हुआ फिर उजारा,
तेरे दर का कान्हा…
फंसी बीच मझधार मे गर है नैया,
हिचकोले खाये मिले ना खिवैया,
बचाया था गज जब कन्हैया पुकारा,
मेरा श्याम बनता है पल मे किनारा,
तेरे दर का कान्हा …
रहे गर्दिशों मे तेरे गर सितारे,
नजर बन्द हो और दिखे ना नजारे,
उठा हाथ दोनो तु कह खाटुवाला,
तुझे श्याम ”बिट्टु’ , है करता इशारा,
तेरे दर का कान्हा…