श्री सूर्य देव चालीसा | Shri Surya Dev Chalisa
॥ दोहा ॥ कनक बदन कुण्डल मकर, मुक्ता माला अङ्ग। पद्मासन स्थित ध्याइए, शंख चक्र के सङ्ग॥ ॥ चौपाई ॥...
॥ दोहा ॥ कनक बदन कुण्डल मकर, मुक्ता माला अङ्ग। पद्मासन स्थित ध्याइए, शंख चक्र के सङ्ग॥ ॥ चौपाई ॥...
|| दोहा || सुमिर चित्रगुप्त ईश को, सतत नवाऊ शीश। ब्रह्मा विष्णु महेश सह, रिनिहा भए जगदीश ।। करो कृपा...
।। दोहा ।। जय जय जय जग पावनी, जयति देवसरि गंग, जय शिव जटा निवासिनी, अनुपम तुंग तरंग । ।।...
॥ दोहा ॥ श्री गुरु पद पंकज नमन,दुषित भाव सुधार, राणी सती सू विमल यश,बरणौ मति अनुसार, काम क्रोध मद...
॥ दोहा ॥ शीश नवा अरिहन्त को, सिद्धन करूँ प्रणाम। उपाध्याय आचार्य का, ले सुखकारी नाम॥ सर्व साधु और सरस्वती,...
॥ दोहा ॥ बंदौं वीणा पाणि को, देहु आय मोहिं ज्ञान। पाय बुद्धि रविदास को, करौं चरित्र बखान॥ मातु की...
॥ दोहा ॥ सुवन केहरी जेवर, सुत महाबली रनधीर। बन्दौं सुत रानी बाछला, विपत निवारण वीर॥ जय जय जय चौहान,...
!! दोहा !! गणपति की कर वन्दना, गुरु चरणन चित लाए ! प्रेतराज जी का लिखूँ, चालीसा हरषाए !! जय...
। । दोहा । । अलख निरंजन आप हैं , निरगुण सगुण हमेश । नाना विधि अवतार धर , हरते...
॥ दोहा ॥ जय ब्रह्मा जय स्वयम्भू, चतुरानन सुखमूल। करहु कृपा निज दास पै, रहहु सदा अनुकूल॥ तुम सृजक ब्रह्माण्ड...
॥ दोहा ॥ श्री गुरु चरण सरोज छवि, निज मन मन्दिर धारि। सुमरि गजानन शारदा, गहि आशिष त्रिपुरारि॥ बुद्धिहीन जन...
॥ दोहा ॥ गरुड़ वाहिनी वैष्णवी, त्रिकुटा पर्वत धाम । काली, लक्ष्मी, सरस्वती, शक्ति तुम्हें प्रणाम ॥ ॥ चौपाई ॥...