Wah Shakti Hamain Do Daya Nidhe || प्रार्थना: वह शक्ति हमें दो दया निधे!
उत्तर प्रदेश के साथ अधिकतर उत्तर भारत के सरकारी स्कूल में 1961 से ही गाई जाने वाली सबसे प्रसिद्ध प्रार्थना।
वह शक्ति हमें दो दयानिधे,
कर्त्तव्य मार्ग पर डट जावें।
पर-सेवा पर-उपकार में हम,
जग(निज)-जीवन सफल बना जावें॥
॥ वह शक्ति हमें दो दयानिधे…॥
हम दीन-दुखी निबलों-विकलों के,
सेवक बन संताप हरें।
जो हैं अटके, भूले-भटके,
उनको तारें खुद तर जावें॥
॥ वह शक्ति हमें दो दयानिधे…॥
छल, दंभ-द्वेष, पाखंड-झूठ,
अन्याय से निशिदिन दूर रहें।
जीवन हो शुद्ध सरल अपना,
शुचि प्रेम-सुधा रस बरसावें॥
॥ वह शक्ति हमें दो दयानिधे…॥
निज आन-बान, मर्यादा का,
प्रभु ध्यान रहे अभिमान रहे।
जिस देश-जाति* में जन्म लिया,
बलिदान उसी पर हो जावें॥
॥ वह शक्ति हमें दो दयानिधे…॥
* काफी जगहों पर देश-जाति की जगह देश-राष्ट्र प्रयोग में लाया जाता है।
इस कविता के लेखक मुरारीलाल शर्मा बालबंधु थे।
जन्म- 1893
ग्राम – साइमल की टिकड़ी
जिला- मेरठ, उत्तर-प्रदेश
निधन- 4 नवम्बर 1961