Agni Puran PDF downlaod in Hindi || अग्नि पुराण (संपूर्ण) पीडीएफ डाउनलोड इन हिंदी
मङ्गलाचरण तथा अग्नि और वसिष्ठके संवाद-रूपसे अग्निपुराणका आरम्भ श्रियं सरस्वतीं गौरी गणेशं स्कन्दमीश्वरम्। तथा पैल आदि ऋषि बदरिकाश्रमको गये और ब्रह्माणं वह्निमिन्द्रादीन् वासुदेवं नमाम्यहम्॥ |वहाँ व्यासजीको नमस्कार करके हमने प्रश्न
‘लक्ष्मी, सरस्वती, पार्वती, गणेश, कार्तिकेय, किया। तब उन्होंने हमें सारतत्त्वका उपदेश देना महादेवजी, ब्रह्मा, अग्नि, इन्द्र आदि देवताओं तथा आरम्भ किया ॥४-६॥ भगवान् वासुदेवको मैं नमस्कार करता हूँ॥१॥ व्यासजी बोले-सूत! तुम शुक आदिके
नैमिषारण्यकी बात है। शौनक आदि ऋषि | साथ सुनो। एक समय मुनियोंके साथ मैंने महर्षि यज्ञोंद्वारा भगवान् विष्णुका यजन कर रहे थे। वसिष्ठजीसे सारभूत परात्पर ब्रह्मके विषयमें पूछा उस समय वहाँ तीर्थयात्राके प्रसङ्गसे सूतजी | था। उस समय उन्होंने मुझे जैसा उपदेश दिया पधारे। महर्षियोंने उनका स्वागत-सत्कार करके था, वही तुम्हें बतला रहा हूँ॥७॥ कहा-॥२॥
First Chapter Mangalacharan and Agni and Pregnancy Communications – Agnipuran Bijar Shriban Saraswati Gauri Ganesha Skondmeshwaram. And the palm etc. Rishi went to Badriksham and Brahman is the name of Vinimindradan Vasudev. | We have questions by doing Vyasji
‘Lakshmi, Saraswati, Parvati, Ganesh, Kartikeya, did. Then they preached to the greatness of Mahadevji, Brahma, Agni, Indra etc. 4-6. I salute God Vasudev. Vyasji Speak-Yarn! You Shuk Adi
It is a matter of fact. Sage etc. Listen together. With one time I was doing Lord Vishnukha by Maharishi Yagna. Surety of Surety Patpir is asked at the top of the Pilgrims. Was At that time they preached to me. Maharishi was welcoming them, I am telling you .7. Said -.2.