बताओ कहाँ मिलेगा श्याम Batao Kahaan Milega Shyam
स्थाई –
बताओ कहाँ मिलेगा श्याम
बताओ कहाँ मिलेगा – 3
चरण पादुका लेकर सब से,
चरण पादुका लेकर सब से पूछ रहे रसखान
बताओ………… 4
अंतरा –
वो नन्ना सा बालक है सांवली सी सूरत है -2
बाल घुंघराले उसके पहनता मोर मुकुट है
नयन उसके कजरारे हाथ नन्ने से प्यारे
बांदे पैजन्यिया पग में बड़े दिलकश हैं नज़ारे।
घायल कर देती है दिल को उसकी इक मुस्कान॥
बताओ कहाँ मिलेगा …4
समझ में आया जिसका पता तू पूछ रहा है
वो है बांके बिहारी जिसे तू ढूंढ रहा है
कहीं वो श्याम कहाता कहीं वो कृष्ण मुरारी
कोई सांवरिया कहता कोई गोवर्धन धारी
नाम हज़ारो ही हैं उसके कई जगह में धाम
बताओ कहाँ मिलेगा … 3
मुझे ना रोको भाई मेरी समझो मजबूरी
श्याम से मिलने देदो बहुत है काम ज़रूरी
सीडीओं पे मंदिर के दाल कर अपना डेरा
कभी तो घर के बाहर श्याम आएगा मेरा
इंतज़ार करते करते ही सुबह से हो गई श्याम
बताओ कहाँ मिलेगा ……….. 3
जाग कर रात बिताई भोर होने को आई
तभी उसके कानो में कोई आहात सी आई
वो आगे पीछे देखे वो देखे दाए बाए
वो चारो और ही देखे नज़र कोई ना आए
झुकी नज़र तो कदमो में ही बैठा नन्ना श्याम
बताओ ………. 2
ख़ुशी से गदगद होकर गोद में उसे उठाया
लगा कर के सीने से बहुत ही प्यार लुटाया
पादुका पहनाने को पावं जैसे ही उठाया
नज़ारा ऐसा देखा कलेजा मूह को आया
कांटे चुभ चुभ कर के घायल हुए थे नन्ने पावं
बताओ……………….. -4
खबर देते तो खुद ही तुम्हारे पास मैं आता
ना इतने छाले पड़ते ना चुबता कोई काँटा
छवि जैसी तू मेरी बसा के दिल में लाया
उसी ही रूप में तुमसे यहाँ मैं मिलने आया
गोकुल से मैं पैदल आया तेरे लिए बृजधाम
बताओ कहाँ मिलेगा …. 4
श्याम की बाते सुनकर कवि वो हुआ दीवाना
कहा मुझको भी देदो अपने चरणों में ठिकाना।
तू मालिक है दुनिया का यह मैंने जान लिया है
लिखूंगा पद तेरे ही आज से ठान लिया है।
श्याम प्रेम रस बरसा ‘सोनू’ खान बना रसखान
बताओ कहाँ……
काटो पर चल कर के रखे भाव के भूके है भगवान
बताओ कहाँ मिलेगा श्याम -3