पहली महिला आईपीएस ऑफिसर किरण बेदी की जीवनी Biography of First Woman IPS Officer Kiran Bedi
भारतीय संस्कृति में नारी को अबला समझा जाता है, लेकिन भारत में कुछ ऐसी भी महिलाएं है, जिन्होंने यह साबित कर दिया कि नारी अबला नहीं, बल्कि पुरुषों को टक्कर देने वाली है। आज हम आपको ऐसी ही एक तेज तर्रार महिला के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने पुलिस (Police) में अधिकारी के पद पर काम करके कई अपराधियों के छक्के छुड़ा दिए। यह कहानी एक महिला आईपीएस (IPS) की है, जिसके बारे में जानकर हर महिला का सिर गर्व से ऊंचा हो जाएगा और हर इंसान को मोटिवेट करेगी। इस लेख में हम आपको किरण बेदी (Kiran Bedi) की जीवनी प्रस्तुत करने जा रहे है , जिसके जरिए आप भारत की पहली महिला IPS Officer के बारे में सारी जानकारी पाएंगे।
किरण बेदी कौन है? । Who is Kiran Bedi
किरण बेदी (Kiran Bedi) एक सेवानिवृत्त आईपीएस (Retired IPS) हैं, जिन्होंने अपनी इच्छा से रिटायर्मेंट ले लिया है, इसके अलावा वे सामाजिक कार्यकर्ता, भूतपूर्व टेनिस खिलाड़ी(former tennis player) और एक राजनेता हैं। वर्तमान में वे पुदुचेरी की उपराज्यपाल(lieutenant governor) हैं। आईपीएस किरण बेदी (IPS Kiran Bedi )का जन्म 9 जून 1949 को अमृतसर में हुआ था, इनका असली नाम किरण पेशवारिया है, इनके पिता का नाम प्रकाश पेशवारिया है। इनके पिता एक कपड़ा व्यापारी हैं। इनकी मां का नाम प्रेम पेशवारिया है, जो एक गृहणी हैं। किरण बेदीने 1966 में राष्ट्रीय जूनियर टेनिस चैंपियन (tennis champion) बनीं। उन्होंने कई राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय चैंपियनशिप में कई खिताब जीते। इनकी तीन बहनें हैं, जिनका नाम रीता, शशि और अनु है। रीता और अनु दोनों टेनिस की खिलाड़ी हैं।
नाम | किरण बेदी |
रियल नेम | किरण पेसवारिय |
जन्म | 19 जून 1949 (Kiran Bedi DOB) |
जन्म स्थान | अमृतसर |
पिता नाम | प्रकाश पेसवारिया |
माता नाम | प्रेम पेसवारिया |
पति नाम | बृज बेदी |
बच्चे | 1 बेटी |
बेटी नाम | सायना बेदी |
शिक्षा | 1968 बी.ए (Hons) इंग्लिश1988 एम. ए (पोलिटिकल साइंस)1993 पीएचडी |
कार्यक्षेत्र | सामाजिक सेवा |
पद | प्रथम I.P.S. ऑफिसर और पांडुचेरी राज्यपाल |
पुरस्कार | संयुक्त राष्ट्र पदक, 2004रेमन मैग्सेसे पुरस्कार, 1994राष्ट्रपति का पुलिस पदक, 1979 |
किरण बेदी की शिक्षा । Kiran Bedi Education
सन 1963 में इन्होंने अपनी सेकेंडरी स्कूल पास की तथा 1965 में सीनियर सेकेंडरी में फर्स्ट ग्रेड से सफलता हासिल की। इसके बाद इन्होंने (Women Government College )वीमेन गवर्मेंट कॉलेज में एडमिशन ले लिया और 1968 में अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी कर ली थी। इन्होंने राजनीतिक विज्ञान से M.A. किया ।
किरण बेदी ने लॉ(Law) की पढ़ाई में रुचि दिखाई और उन्होंने दिल्ली के विश्वविद्यालय(University of Delhi) में एडमिशन ले लिया और 1998 में लॉ की डिग्री हासिल की । जब इनका स्नातक पूरा हो गया तो इन्होंने अमृतसर से एक कॉलेज में लेक्चरर(lecturer) के तौर पर काम भी किया है।
किरण बेदी का परिवार । Kiran Bedi’s family
किरण बेदी के पिता का नाम प्रकाश लाल पेशावरिया और मां का नाम प्रेम पेशावरिया है। किरण बेदी की परवरिश हिंदू और सिख परंपराओं के मुताबिक हुई है। उनके माता-पिता ने किरण बेदी के लिए कई त्याग दिए हैं । किरण बेदी ने 9 मार्च 1972 में टेनिस प्लेयर बृज बेदी से शादी कर ली थी। किरण बेदी की अपने लाइफ पार्टनर से मुलाकात टेनिस कोर्ट (Tennis Court) पर ही हुई थी, जिसके बाद दोनों ने शादी कर ली थी। शादी के बाद 1975 में उन्होंने एक बेटी को जन्म दिया जिसका नाम सायना (Sayana) था | ( Kiran Bedi Daughter) । साल 2016 में कैंसर की वजह से उनके पति की मृत्यु हो गई थी।
किरण बेदी का करियर। Kiran Bedi’s career
किरण बेदी ने जिस कॉलेज से M.A किया था, वहीं व्याख्याता के तौर पर दो साल तक पढाया और इसके साथ-साथ यूपीएससी(UPSC) के एग्जाम की तैयारी भी शुरू कर दी। सन 1972 में इन्होंने यूपीएससी (UPSC )एग्जाम को पास कर दिया और उन्हें (IPS officer )आईपीएस अधिकारी की पोस्ट मिली। भारत में इनसे पहले कोई भी महिला आईपीएस अधिकारी नहीं थी, तो यह भारत की पहली महिला आईपीएस अधिकारी बन गईं। अपनी सेवाओं के दौरान इन्हें कई पोस्ट पर काम करने का मौका मिला। कभी प्रमुख का तो कभी डीआईजी, तो कभी महानिर्देशक(director general) के तौर पर लेकिन, इन्होंने अपने बल पर सभी कार्यों में ख्याति हासिलकी और लोगों के लिए आदर्श बन गई।
किरण बेदी तिहाड़ जेल की महानिदेशक(Director General) भी रह चुकी हैं, इन्होने तिहाड़ जेल(Tihar Jail) में कैदियों के लिए बहुत से कार्यों का शुभारंभ किया है, जिसकी वजह से वहां के कैदियों की जीवन में काफी परिवर्तन आए हैं। इनके द्वारा किए गए कामों को लोगों ने काफी सराहा। किरण बेदी भारत के पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट की महानिदेशक भी रह चुकी हैं।
किरण बेदी ने अपने कार्यकाल के दौरान बहुत सारे कार्य जो जनता के हित से जुड़े थे, किए हैं। उन्होंने 25 सितंबर 2007 को प्रशासनिक सेवा से स्वेच्छिक सेवानिवृत्त हो गईं, सरकार ने किरण बेदी के काम को खूब सराहा है।
किरण बेदी की उपलब्धियां । Achievements of Kiran Bedi
- प्रशासनिक सेवाओं के दौरान अच्छे काम के लिए इन्हें रैमन मैग्सेसे पुरस्कार 1994 में दिया गया था।
- तिहाड़ जेल(• Tihar Jail) में महानिदेशक के रूप में इन्होंने जेले की सुधार के लिए बहुत से काम किए और जेल में बंद कैदियों के जीवन में बहुत से परिवर्तन दिखाई दिए, जिस वजह से इन्हें “डॉक्टर ऑफ लॉ(doctor of law)” की उपाधि से सम्मानित किया गया ।
- राष्ट्रपति(President) द्वारा इन्हें वीरता पुरस्कार(Gallantry Awards) से भी सम्मानित किया गया है, क्योंकि इन्होंने आंध्रप्रदेश (Andhra Pradesh )में कार्य के दौरान कई मुजरिमों को पकड़कर सजा दिलाई थी।
- किरण बेदी को अंतर्राष्ट्रीय महिला पुरस्कार से भी नवाजा गया है।
- 2010 में इन्हें भारत सरकार द्वारा तरुण पुरस्कार भी दिया गया।
किरण बेदी का राजनैतिक सफर (Political journey of Kiran Bedi)
किरण बेदी ने इस्तीफा देने के बाद राजनीति में कदम रखा और भाजपा (B J P ) पार्टी में शामिल हो गईं । किरण बेदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) को बहुत पसंद करती हैं और उन्हीं से मोटिवेट होकर उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party )में शामिल हो गईं। 2015 में किरण बेदी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गई थीं। बीजेपी ने उन्हें दिल्ली (Delhi) से उम्मीदवार को तौर पर खड़ा किया ।
उनकी उम्मीदवारी एक मुख्यमंत्री(Chief Minister) के तौर पर थी, लेकिन 2015 में बीजेपी को ज्यादा बहुमत नहीं मिलने से आम आदमी पार्टी(Aam Aadmi Party) ने कांग्रेस (Congress )के साथ मिलकर अपनी सरकार वर्चस्व कायम कर दिया। किरण बेदी उस समय हारी जरूर थीं, लेकिन उन्होंने लोगों के मन में एक अपनेपन की भावना पैदा कर दी थी।
विवाद
किरण बेदी जब गोवा की एसपी (SP) थी, तब उन्होंने अनौपचारिक तौर पर “जौरी ब्रिज” का आम-जनता के लिए उद्घाटन करके विवाद को आमंत्रण दिया था। किरण तब भी विवादों में उलझी थीं, जब उन्होंने अपनी बेटी सायना की देखभाल के लिए छुट्टी का आवेदन दिया था, हालांकि उन्होंने आईजीपी द्वारा छुट्टीको रिकमंड करवाया था।
गोवा सरकार (Government of Goa) ने इसको आधिकारिक अनुमति नहीं दी थी, प्रतापसिंह राने जो कि उस समय गोवा के सीएम (Goa CM) थे, उन्होंने किरण बेदी (Kiran Bedi )को बिना अवकाश दिए छुट्टी पर होने की घोषणा की थी। बेदी की तब भी आलोचना हुई थी, जब उन्होंने दिल्ली में लाल किले (Red Fort) पर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं पर लाठी चार्ज का आदेश दिया था।
IPS Officer Kiran Bedi
1988 में किरण बेदी ने दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट (Tis Hazari Court) में प्रैक्टिस करने वाले वकील राजेश अग्निहोत्री को हाथ बांधकर कोर्ट में पेश किया था, जिसके कारण उन्हें वकीलों के आक्रोश का सामना करना पड़ा था। 1992 में किरण फिर से विवादों में उलझ गई, जब उनकी बेटी ने मिजोरम (Mizoram) का निवासी बताते हुए लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में आवेदन किया था। मिजोरम के छात्रों ने इसके खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया और यह दावा किया कि वो मिजोरम के नहीं हैं, बाद में इस वजह से बेदी को मिजोरम छोड़ना पड़ा था।
किरण बेदी ने तिहाड़ में इंस्पेक्टर के कार्यकाल के दौरान प्रबंधन में बहुत से परिवर्तन किए थे फिर भी बेदी जब तिहाड़ जेल में इंस्पेक्टर जनरल के तौर पर कार्य कर रही थी, तब उन्होंने अपने सम्मान को बढाने और यश प्राप्ति के लिेए कैदियों की सुरक्षा को नजर अंदाज करने का आरोप लगा था।
इसके लिए उनकी काफी आलोचना की गई थी। 1993 में सुप्रीम कोर्ट ने बेदी को एक अंडर-ट्रायल कैदी की मेडिकल स्थिति को नजर अंदाज करनेके लिेए अल्टीमेटम दिया था। 1994 में, दिल्ली सरकार से बेदी को तब समस्या हुई, जब उन्हें यूएस प्रेसीडेंट(us president) बिल क्लिंटन(Bill Clinton) द्वारा वाशिंगटन डीसी(Washington DC) में नेशनल प्रेयर ब्रेकफास्ट के लिए आमंत्रित कियागया था, लेकिन दिल्ली सरकार ने फिर से मना कर दिया, जिसके बाद उन्होंने न्यूयॉर्क टाइम्स(New York Times) में न्यूज लेटर पब्लिश किया और ये बताया कि उनके कुछ उच्च अधिकारी उनसे जलते हैं।
किरण की इस बात पर भी आलोचना की गई थी कि, उन्होंने भयानक अपराधी चार्ल्स सोभराज को तिहाड़ जेल में टाइप राइटर(typewriter) मुहैया कराया था। यह जेल के नियमों के खिलाफ था और दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच(Police Crime Branch) में एक केस दर्ज किया गया, जिसमें उन पर उनके एनजीओ(NGO) के फंड के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया । ये केस दिल्ली के ही एक वकील देविंदर सिंह चौहानके द्वारा लगाया गया था।
Kiran Bedi information in Hindi
सामाजिक पहल
किरण बेदी सहित 17 अन्य पुलिस अधिकारियों को 1987 में नवज्योति इंडिया फाउंडेशन(Navjyoti India Foundation) की स्थापना के साथ, एनआईएफ ड्रग नशा के लिेए, एक नशा मुक्ति और पुनर्वास की पहल के साथ शुरू किया गया। अब संगठन में अनपढ़ और महिलाओं के अन्य सामाजिक मुद्दे के देखरेख का काम किया जाता है। इस संगठन को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काफी सराहा गया है। नशीली दवाओं के दुरुपयोग की रोकथाम के लिए “SOITIROFF” को संयुक्त राष्ट्र द्वारा मेमोरियल पुरस्कार दिया गया है।
लोकपाल आंदोलन
किरण बेदी 2011 में अन्ना हजारे(Anna Hazare) के आंदोलन से जुड़ी, अरविंद केजरीवाल(Arvind kejriwal) के अलावा किरण बेदी भी इंडिया अगेंस्ट करप्शन (IAC) के प्रमुख सदस्यों में से एक रही है। IAC ने देश में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ विरोध किया और भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए भारत सरकार(Indian government) से एक मजबूत लोकपाल विधेयक (Lokpal Bill) लाने का आग्रह किया।
सरकार और कार्यकर्ताओं के बीच कई विचार विमर्श के बारह दिनों के बाद, संसद में लोकपाल का मसौदा तैयार करने में तीन बिंदुओं पर विचार करने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया।
किरण बेदी के द्वारा लिखी गई किताबें
किरण बेदी ने आईपीएस, राजनेता, समाजसेवा के तौर पर ही खुद को साबित नहीं किया, बल्कि उनके अंदर लेखक के भी गुण हैं। उन्होंने आई डेयर (I Dare), क्रिएटिंग लीडरशिप, इट्स ऑलवेज पॉसिबल, जैसी कई किताबें लिखी हैं। इसके अलावा वे मलेशिया में लीडरशिप ट्रेनिंग इंस्टीट्टयूट आईक्लिफ में विजिटिंग फैकल्टी भी हैं।