नाचे नील कंठ मंदिर पे शंकर भोला रे- nache neel kanth mandir pe shankar bhola re
डमरू बजा के भंगियाँ चडा के देदो गोला रे नाचे नील कंठ मंदिर पे शंकर भोला रे सिर की जटाए...
डमरू बजा के भंगियाँ चडा के देदो गोला रे नाचे नील कंठ मंदिर पे शंकर भोला रे सिर की जटाए...
घोटे घोट घुमाए दे प्यारी रगडा खूब लगाये दे पिल्वायदे भंगिया घोट ओ गनपत की मम्मी दुरक लगी भंगिया की...
कोरोना में कैसे तेरी कांवड़ लाऊं मैं भारत में लगरा सै बाबा हैवी लोकडाउन दिल डाटे नहीं डटता कैसे इसको...
जटा में गंगा माथे पे चंदा तन में भस्म रमाया है गोरा संग केलाश विराजे अद्भुद तेरी माया है जटा...
ला थोड़ी भंगिया पिला शम्भु इसके सिवा कोई काम नही तूना अब न छोड़ा गोरा नाम नही पल भर लेने...
अरे रे रे जब खाए भांग के लड्डू सावन में चड गया जादू, ये भोले मस्ती में झूले जब कावड...
हरिद्वार हम जायेगे फिर गंगा जी में नहायेगे और फिर मिल कर भोले तेरी कावड को सजायेगे दी जे भजाए...
रुखी सुखी रोटी भोले खाइयो मेरे हाथ से, सुल्फा गांजा भांग धतुरा मेरे को ना भात से रुखी सुखी रोटी...
भोला भांग चडाये भोला चिलम चडाये भोला को लग गई भांग मस्ती में नाचे डम डम डमरू बाजे गले नाग...
लाये डाक कावड भोले हरिद्वार से, सारे जग में भोले की सरकार से छम छम नाचे कवाडिया बन के भोला...
मेरे डमरू वाले बाबा तेरे द्ववार पे आया हु मेरे देवा महादेवा तेरे द्वार पे आया हु तुझको नहलाने को...
चलो कवाडिया शिव नगरियाँ भर लो गंगा पानी जय जय बोलो भोले दानी जय जय बोलो ओघ्दानी, ॐ नम शिवाये...