Karam Karo Maa Tum Karuna Ki Daani Lyrics || करम करो माँ तुम करुणा की दानी लिरिक्स
करम करो माँ तुम करुणा की दानी ।
मैं पापी हु मैं लोभी हु मैं मूरख अज्ञानी ।।
पाप से धन तो खूब कमाया फिर भी मन ने चैन न पाया,
छोड़ के दुनिया की दौलत को तेरे दर पे मैं हु आया ।
किरपा जो करदो मुझपे भी मैया तेरा बनु मैं ध्यानी ।।
माँ तुम करुणा की दानी ।।
मोह माया के जाल में फस के भूल गया मैं अपना पराया,
तेरी शक्ति को जो न समजे उसके सिर को तूने झुकाया ।
अच्छे कर्म से अच्छा मिलता दुनिया आणि जानी ।।
माँ तुम करुणा की दानी ।।
जानू न तेरी पूजा विधि को सदियों से मेरे कर्म थे काले,
आन पड़ा तेरे चरणों में आज माँ मुझको बचा ले ।
बोया जैसा मिलता वैसा ऋषियों की ये वाणी ।।
माँ तुम करुणा की दानी ।।