देखल ने एहन जमाइ गे माइ || मैथिली शिव भजन लिरिक्स | Maithili Shiv Bhajan Lyrics

देखल ने एहन जमाइ गे माइ
भन-भन भृंग भनकय, सखि हे सह-सह करनि साँप
आगू-पाछू भूत भभूत लए कर, देखि जिय थर-थर काँप
गे माई बाघक छालक पहिरन देखल, लटपट बसहा असबार
एक हाथ डिमडिम डामरू बजाबय, एक हाथ मनुष कपार
गे माई जटाजूट सिर छाउर लगाओल, गर बीच शोभे रूद्रमाल
देखितहि रूप इहो मैना पड़यली, सखि सब भेली बेहाल
गे माइ हरलक मति पुनि मैनाक योगिया, दूरि कएल हुनक गेयान
रामचन्द्र हर ईश सगुन रूप, जेहि कर वेद बखान

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