Mantra Mahodadhi by Mahidhara In Hindi PDF Free Download || महिधारा द्वारा मंत्र महोदधि हिंदी में पीडीएफ मुफ्त डाउनलोड
श्रीमन्महीधर भट्ट विरचित ‘मन्त्रमहोदधि’ उनकी स्वोपज्ञ ‘नौका’ टीका के साथ विद्वानों के समक्ष प्रस्तुत है । इस संस्करण में ‘अरित्र’ नामक हिन्दी व्याख्या संयोजित है। | यह ग्रन्थ इन्हीं तीनों से पूर्ण होता है । यह ग्रन्थ मन्त्रों का महासमुद्र है, जिसे पार करने के लिए नौका (यान) की आवश्यकता है, किन्तु यह नौका बिना डाड़े ( अरित्र) के नहीं । चल सकती थी, इसलिए अरित्र नामक हिन्दी व्याख्या अत्यन्त सजग होकर लिखी गई है।
मूल, टीका तथा हिन्दी में एकवाक्यता का सदैव ध्यान दिया गया है । मन्त्रों के अक्षरों की गणना तीनों ही स्थल पर गिन कर एक सी प्रस्तुत की गई हैं । कहीं कहीं इन्हें मन्त्रों के बाद कोष्ठक में दर्शाया भी गया है । मन्त्रों के बीजाक्षरों की वर्तनी का ध्यान पदे-पदे रक्खा गया है । यन्त्रों के चित्र अत्यन्त अशुद्ध थे जिन्हे यथासम्भव शुद्ध करने का प्रयास किया गया है, फिर भी कोई सर्वज्ञ नहीं है, त्रुटि सम्भावित है, अतः बिना गुरु के मन्त्र-दीक्षा लिए इनका प्रयोग नहीं करना चाहिए। …………………
The ‘Mantramahodadhi’ composed by Shrimanmahidhar Bhatt is presented to the scholars along with his ‘Nauka’ commentary. Hindi interpretation named ‘Aritra’ is included in this version. | This book is complete with these three. This book is a great ocean of mantras, which has to be crossed. A boat (Vaan) is needed for this, but this boat is not without a Dada (Aritra). This Hindi interpretation named Aritra has been written with great care.
Attention has always been paid to the original, commentary, and monotony in Hindi. Counting the letters of the mantras at all the three places has been presented as one. Somewhere they are also shown in brackets after the mantras. The spelling of the seed letters of the mantras has been taken care of every step of the way. The pictures of the yantras were very impure, which have been tried to be purified as much as possible, yet no one is omniscient, an error is possible, so they should not be used without taking mantra-initiation from the guru…………………….