RSS GEET Arun gagan par | अरुण गगन पर महाप्रगति का। गणगीत आरएसएस
अरुण गगन पर महाप्रगति का , अब फिर मंगल गान उठा।
करवट बदली अंगड़ाई ली , सोया हिंदुस्तान उठा। ।२
सौरभ से भर गई दिशाएं , अब धरती मुस्काती है।
कण-कण गाता गीत गगन की , सीमा अब दोहराती है।
मंगल गाना सुनाता सागर , गीत दिशाएं गाती है।
मुक्त पवन पर राष्ट्र पताका , लहर – लहर लहराती है।
तरुण रक्त फिर लगा खौलने , हृदयों में तूफान उठा। ।
अरुण गगन पर महाप्रगति का , अब फिर मंगल गान उठा।
रामेश्वर का जल अंजलि में , कश्मीर की सुंदरता।
कामरूप की धुलि, द्वारिका , की पावन प्यारी माता।
बंग – देश की भक्ति – भावना , महाराष्ट्र की तन्मयता।
शौर्य पंचनाद का औ , राजस्थानी विश्वविजय क्षमता।
केंद्रित कर निज प्रखर तेज से , फिर भारत बलवान उठा।
अरुण गगन पर महाप्रगति का , अब फिर मंगल गान उठा।
बूंद – बूंद जल मिलकर बनती , प्रलयंकर जल की धारा।
कण – कण भू -रज मिलकर करती , अंधकारमय नभ सारा।
कोटि – कोटि हम जगे जगाएं , भारतीयता का नारा।
बढ़े , विश्व के बढ़ते कदमों ने , फिर हमको ललकारा।
उठे, देश के कण – कण से फिर , जन – जन का आह्वान उठा।
अरुण गगन पर महाप्रगति का , अब फिर मंगल गान उठा।
करवट बदलती अंगड़ाई ली , सोया हिंदुस्तान उठा।
अरुण गगन पर महाप्रगति का , अब फिर मंगल गान उठा।