Saat Shero Wale Sone Ke Rath Pe Lyrics || सात शेरों वाले सोने के रथ पे लिरिक्स
सात शेरों वाले सोने के रथ पे
बैठी माँ वैष्णो रानी
माँग लो जिसने माँगना जो भी
मौज में है महारानी
आओ माँ के लाडलो देर ना करो
सच्चे दरबार से झोलियाँ भरो
सात शेरों वाले सोने के रथ पे ।।
भक्ति लगन के पुष्प चढ़ाकर
जो कोई वन्दन करता
मैया के दिव्य खजानो से
वो अपना दामन भरता
माटी को सोना करती है
ये पल में दाती कल्याणी
माँग लो जिसने माँगना जो भी
मौज में है महारानी
आओ माँ के लाडलो देर ना करो
सच्चे दरबार से झोलियाँ भरो
सात शेरों वाले सोने के रथ पे ।।
सबके कर्म की मैली चादर
जो है माँ ने धोना,
सौदा यहाँ विश्वास का
भक्तो डावां डोल ना होना
भक्तो पे सब कुछ करती न्योछावर
ममता ये बलिदानी
माँग लो जिसने माँगना जो भी
मौज में है महारानी
आओ माँ के लाडलो देर ना करो
सच्चे दरबार से झोलियाँ भरो
सात शेरों वाले सोने के रथ पे ।।
माँ है ऐसा कल्प तरु
जो कभी ना जग में सूखे
इसकी शीतल छाया के
ये तीनो लोक है भूखे
किसी पाखण्डी छलिये की
ना चलती यहाँ मन मानी
माँग लो जिसने माँगना जो भी
मौज में है महारानी
आओ माँ के लाडलो देर ना करो
सच्चे दरबार से झोलियाँ भरो
सात शेरों वाले सोने के रथ पे ।।
सात शेरों वाले सोने के रथ पे
बैठी माँ वैष्णो रानी
माँग लो जिसने माँगना जो भी
मौज में है महारानी
आओ माँ के लाडलो देर ना करो
सच्चे दरबार से झोलियाँ भरो ।।