Sir Pe Saja Ke Motiyo Ka Taaj Lyrics || सिर पे सजाके मोतियों का ताज लिरिक्स

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सिर पे सजाके मोतियों का ताज,
सिर पे सजा के मोतियों का ताज
रखने को अपने भक्तों की लाज,
ये गौरी के ललना आये गजराज ।।

गौरी के ललना आये गजराज,
सिर पे सजाके मोतियों का ताज ।
रखने को अपने भक्तों की लाज,
ये गौरी के ललना आये गजराज ।।

श्रद्धा से झोलिया अपनी पसारो,
सिद्धिविनायक को मन से पुकारो ।
माँगना जो तुमने माँग लेना आज,
ये गौरी के ललना आये गजराज ।।

रखने को अपने भक्तो की लाज ।
ये गौरी के ललना आये गजराज ।।

दया की दृष्टि ये जिनपे करेंगे,
दुखरो को उनके तो पल में हरेंगे ।
भक्तो की चिंता का होगा इलाज,
ये गौरी के ललना आये गजराज ।।

रखने को अपने भक्तो की लाज ।
ये गौरी के ललना आये गजराज ।।

ये है महोदर वे गणराज दाता,
करुणा का सागर ये भाग्यविधाता ।
जिसे भाये निर्दोष भक्ति का साग,
ये गौरी के ललना आये गजराज ।।

रखने को अपने भक्तो की लाज ।
ये गौरी के ललना आये गजराज ।।

सिर पे सजाके मोतियों का ताज
ये गौरी के ललना आये गजराज ।
रखने को अपने भक्तो की लाज,
ये गौरी के ललना आये गजराज ।।

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