Tere Bhawan Se Aai Maa Ek Chitti Pyari hai Lyrics || तेरे भवन से आई माँ इक चिठ्ठी प्यारी है लिरिक्स

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तेरे भवन से आई माँ इक चिठ्ठी प्यारी है,
चिठ्ठी में लिखा बेटा आ जा जो चाहए ।
तुम्हे आ कर ले जा अब तेरी बारी है,
तेरे भवन से आई माँ इक चिठ्ठी प्यारी है ।।

वैष्णो धाम से आई चिठ्ठी याहा आनंद समाया
जन्मो के मेरे पुण्ये फले जो माँ ने दर पे बुलाया ।
मेहँदी वाली हाथो से लिखी ममता से शृंगारी है,
तेरे भवन से आई माँ इक चिठ्ठी प्यारी है ।।

सुंदर भवन में शेर सजा के बैठी है महारानी,
जल्दी से तू आजा बेटा कहती मात भवानी ।
मैंने भी माँ से मिने की करली तयारी है,
तेरे भवन से आई माँ इक चिठ्ठी प्यारी है ।।

मन मोहक ये पर्वत झरने गुण तेरा माँ गाये,
वान गंगा का बेहता पानी सब का मन हर्षाये ।
काले काले छाए बादल बड़ी शोभा न्यारी है,
तेरे भवन से आई माँ इक चिठ्ठी प्यारी है ।।

ख़ुशी के मारे रेह न पाऊ सब को ये बतलाऊ,
पड़ कर चिठ्ठी माँ आंबे की पल भी चैन न पाऊ ।
माहि को चिठ्ठी आती रहे फरयाद हमारी है,
तेरे भवन से आई माँ इक चिठ्ठी प्यारी है ।।

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