Thali Bhar Ke Layi Re Khichdo Upar Ghi Ki Baatki Lyrics || थाली भरकर लायी रे खीचड़ो, उपर घी की बाटकी

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थाली भरकर लायी रे खीचड़ो, उपर घी की बाटकी,
जीमो म्हारा श्याम धणी, जिमावै बेटी जाट की।।

बापू म्हारो गांव गवेलो, ना जाणे कद आवैलो,
ऊका भरोसे बैठयो रहयो तो, भूखो ही रह जावैलो,
आज जिमाऊं तैने रे खीचड़ो, काल राबड़ी छाछ की,
जीमो म्हारा श्याम धणी, जिमावै बेटी जाट की।।

बार बार मंदिर ने जुड़ती, बार बार में खोलती,
कर्इया कोनी जीमे रे मोहन, करडी करड़ी बोलती,
तू जीमे तो जद मैं जिमूं, मानू ना कोर्इ लाट की,
जीमो म्हारो श्याम धणी, जिमावै बेटी जाटी की,
जीमो म्हारा श्याम धणी, जिमावै बेटी जाट की।।

परदो भूल गर्इ सांवरियो, परदो फेर लगायो जी,
धावलियो परदो की ओट बैठ के, श्याम खीचड़ौ खायो जी,
भोला भाला भगता सू, सांवरिया कइया आंट की।
जीमो म्हारा श्याम धणी, जिमावै बेटी जाट की।।

भक्ति हो तो करमा जैसी, सावरियों घर आवेलो,
सोहन लाल लोहकार, हरष हरष गुण गावेलो,
चो प्रेम प्रभु से हो तो, मूरत बोले काठ की,
जीमो म्हारा श्याम धणी, जिमावै बेटी जाट की।।

थाली भरकर लायी रे खीचड़ो, उपर घी की बाटकी,
जीमो म्हारा श्याम धणी, जिमावै बेटी जाट की।।

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