श्रीहनुमदुपनिषद् – Shri Hanumad Upanishad – श्रीहनुमत् उपनिषद
श्रीहनुमदुपनिषद् अलग से कोई उपनिषद् नहीं है, अपितु अथर्ववेदीय राम-रहस्य उपनिषद के प्रथम अध्याय ही है। इसमें सनकादि तथा अन्य...
श्रीहनुमदुपनिषद् अलग से कोई उपनिषद् नहीं है, अपितु अथर्ववेदीय राम-रहस्य उपनिषद के प्रथम अध्याय ही है। इसमें सनकादि तथा अन्य...
अथर्ववेदीय राम रहस्य उपनिषद के प्रथम अध्याय में हनुमानजी ने सनकादि ऋषियों से श्रीराम का स्वरूप, उनके अङ्ग, राम-मन्त्र का...
अथर्ववेदीय राम रहस्य उपनिषद के अध्याय २ में हनुमानजी ने ऋषियों से श्रीराम की प्राप्ति के साधन और श्रीराम मन्त्रों...
अथर्ववेदीय राम रहस्य उपनिषद के अध्याय ३ में हनुमानजी ने ऋषियों से श्रीरामजी के यंत्र पीठ का वर्णन किया, अब...
इससे पूर्व आपने अथर्ववेदीय श्रीरामरहस्योपनिषद् में हनुमानजी ने ऋषियों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए क्रमशः अध्याय १ में ब्रह्मा...
ऐतरेय उपनिषद एक ऋग्वेदीय उपनिषद है। ऋग्वेदीय ऐतरेय आरण्यक के अन्तर्गत द्वितीय आरण्यक के अध्याय ४, ५ और ६ का...
उपनिषद श्रृंखला के पूर्व भाग में आपने ऐतरेयोपनिषद प्रथम अध्याय पढ़ा अब उससे आगे ऐतरेयोपनिषत् द्वितीय अध्याय का श्रवण पठन...
अमृतनाद उपनिषद कृष्ण यजुर्वेदीय शाखा के अन्तर्गत एक उपनिषद है। इस उपनिषद में 'प्रणवोपासना' के साथ योग के छह अंगों-...
उपनिषद श्रृंखला के पूर्व भाग में आपने ऐतरेयोपनिषद अध्याय १ और अध्याय २ को पढ़ा अब उससे आगे ऐतरेय उपनिषद...
ऐतरेयोपनिषद् ऋग्वेदीय उपनिषद् है। ऋग्वेदीय ऐतरेय आरण्यक के दूसरे आरण्यक के चौथे, पाँचवें एवं छठवें अध्याय को ऐतरेयोपनिषद् की मान्यता...
भागवत पुराण हिन्दुओं के अट्ठारह पुराणों में से एक है। इसे श्रीमद्भागवतम् या केवल भागवतम् भी कहते हैं। इसका मुख्य...
हमारे चार वेद-ऋग्वेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद, एवं सामवेद आदि है। वेदान्त वेदों के ही भाग हैं। वेदान्त’ का शाब्दिक अर्थ है...