Tu Jag Ka Vidhata Hai Lyrics || तू जग का विधाता है लिरिक्स

0

भोले शंकर दानी
तू जग का विधाता है
अपने भक्तो का तू
अपने भक्तो का तू
बस दीन दाता है
भोलें शंकर दानी
तू जग का विधाता है

जब दुनिया सोती है
तब तू ही जगता है
जग का पालन पोषण
बस भोला करता है
भक्तों के कष्टों को
भक्तों के कष्टों को
तू दूर भगाता है
भोलें शंकर दानी
तू जग का विधाता है

कोई दूध से नहलाए
जल कोई चढ़ा जाए
कोई उख का जल सींचे
कोई भंग पीला जाए
कोई आक धतूरे का
कोई आक धतूरे का
तुझे भोग लगाता है
भोलें शंकर दानी
तू जग का विधाता है

किस्मत ही बदल डाले
जो नाम जपे तेरा
आफत से तू टाले
जो ध्यान धरे तेरा
चरणों में ‘हर्ष’ तेरे
चरणों में ‘हर्ष’ तेरे
ये शीश झुकाता है
भोलें शंकर दानी
तू जग का विधाता है

भोले शंकर दानी
तू जग का विधाता है
अपने भक्तो का तू
अपने भक्तो का तू
बस दीन दाता है
भोलें शंकर दानी
तू जग का विधाता है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *