इस लड़की के 16 भाषाओं पर है पकड़, महज़ 12 वर्ष की उम्र से IIT के छात्रों से लेकर IAS तक को मोटीवेट करती है
प्रकृति ने सभी को अलग-अलग बनाया है। सभी एक-दुसरे से भिन्न है और सभी के अन्दर विभिन्न प्रकार के गुण है। सभी में अलग-अलग प्रतिभा छिपी होती है। कोई देर से अपने अंदर की प्रतिभा को पहचानता है तो कोई इसे समझने में अपना पूरा जीवन लगा देता है। किसी को खेल में, संगीत में, पेंटिंग में, तो किसी को अलग-अलग भाषाओं को सीखने, जानने और बोलने में रुचि होती है। असल में यह उनकी प्रतिभा ही है जो उन्हें भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में रुचि है। यह कहानी एक ऐसी लड़की की है जो 10 साल के उम्र में ही बहुत सारी भाषाओं का ज्ञान प्राप्त कर ली हैं।
जान्ह्वी पवार (Jaanhwi Pawaar) हरियाणा (Hariyana) के समालखा के एक छोटे से गांव मालपुर (Maalpur) की रहनेवाली हैं। जान्ह्वी जब दो साल की थी तो उसके घरवालों ने आम बच्चे की तरह हिन्दी और अंग्रेजी भाषाओं में फल और सब्जियों के नाम याद करवा रहे थे। लेकिन जान्ह्वी के पैरंट्स को यह समझने में देर नहीं हुई कि उनकी बेटी में सीखने की योग्यता साधारण बच्चों से कहीं ज्यादा अधिक है। जान्ह्वी ने महज 5 वर्ष की उम्र में ही अंग्रेजी के इतने सारे शब्द याद कर लिए जितना शायद 10th क्लास के छात्र भी नहीं किये होंगे। जान्ह्वी के माता-पिता जब उसको स्कूल में भेजे तो वह अपने कक्षा के बाकी छात्रों की अपेक्षा अधिक सीखती थी। जान्ह्वी अपने कक्षा का सिलेबस 2 से 3 महीने में ही पढ़ कर समाप्त कर देती थी। सीखने की इस क्षमता को देखकर स्कूल वालों ने सरकार से स्वीकृति लेकर जान्ह्वी को एक कक्षा छोड़कर आगे की एक क्लास में प्रोन्नति करने का फैसला किया। Jaanhwi ने नौ वर्ष की उम्र में अमेरिकन और ब्रिटिश भाषाओं के लहजे को सीख लिया था। अधिकांश पढे-लिखे व्यक्तियो में दूसरे भाषाओं का लहजा अच्छे ढंग से नहीं आता और वह इसे सीखने में बहुत सारे पैसे भी खर्च कर देते हैं। लेकिन जाम्ह्वी की प्रतिभा की बात ही अलग है। अपनी प्रतिभा का परिचय देते हुए जान्ह्वी ने 13 वर्ष की आयु में 12th की परीक्षा 1st डिविजन से पास कर ली।
जान्ह्वी दिल्ली के सत्यवती कॉलेज से बीई की पढ़ाई कर रही हैं। वह अभी बीई के तीसरे साल की स्टूडेंट हैं। जान्ह्वी को आज 12 अलग-अलग भाषाओं का ज्ञान हैं। वह सुपर 30 में जाकर IIT-JEE की तैयारी भी करना चाहती हैं। जान्ह्वी बड़े-बड़े अफसरों और आईआईटी के छात्रों को प्रेरित कर पढ़ाने लिखाने का काम भी करती हैं।
जान्ह्वी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री के साथ-साथ आठ राज्यो के आईएस अफसरों को सम्बोधित कर चुकी हैं। जान्ह्वी को अन्य राज्यों में भी मोटीवेशनल स्पीकर के रूप में बुलाया जाता है। ऐसी प्रतिभा को नमन करता हैं।