माँ कपड़े सिलती हैं और पिता फेरी का काम करते हैं,बेटे ने निकाला UPSC अब बनेगा IAS अधिकारी:कुमार बिस्वारंजन
भारत में प्रतिभाशाली युवाओं की कोई कमी नहीं है। 2019 में हुए देश की सबसे कठिन परीक्षा UPSC का परिणाम 4 अगस्त घोषित हो चुका है। यूपीएससी की इस परीक्षा में एक से बढ़ कर एक युवा शामिल हुए थे और सफ़ल भी हुए है। आज हम उनमें से एक युवा की कहानी लेकर आए है जो 182वीं रैंक प्राप्त कर अपनी सफलता का परचम लहराए है।
कुमार बिस्वारंजन 182वीं रैंक –
कुमार बिस्वारंजन (kumar Biswaranjan) एक मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं। कुमार के पिता बेनूधर भोल कपड़ा बेचने का काम करते हैं और मां मिनाती टेलर है। ये लोग भुवनेश्वर के निलादरी में किराए के मकान में रहते हैं। कुमार के लिए यूपीएससी (UPSC) की परीक्षा एक बहुत बड़ी चुनौती थी लेकिन अपने मेहनत के बदौलत इन्होंने सफलता हासिल की।
न्यू इंडियन एक्सप्रेस (New Indian Express) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कुमार IIT-गुवाहाटी से पास आउट हैं। कुमार की यह पहली सफलता नहीं है। इसके पहले भी वह UPSC की परीक्षा में 391वीं रैंक प्राप्त किए थे। इन्होंने इंडियन रेलवे एकाउंट्स सर्विस जॉइन की थी लेकिन उसे यह पर्याप्त नहीं मानते थें। आगे पुनः बेहतर रैंक के लिए कुमार तैयारी में लग गए और इस साल अच्छी रैंक (182वीं) भी प्राप्त किए।
कुमार बिस्वारंजन (kumar Biswaranjan) की सफलता के बाद उनके माता – पिता के ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा। कुमार के पिता के अनुसार घर की स्थिति को देखते हुए कुमार ने दृढ़ संकल्प लिया और यह कठिन परीक्षा अपने मेहनत के बल बूते पर पास की।
कुमार के अनुसार यह सफ़र बहुत लंबा और मुश्किलों से भरा था। लेकिन दृढ़ संकल्प और सच्ची लगन के आगे सारे मुश्किलों को घुटने टेकने पड़ते हैं। जिंदगी में हर किसी को एक प्लेटफॉर्म की ज़रूरत होती है जिसके जरिए वह अपने सपनों को साकार कर सकारात्मकता की ओर बढ़े और राष्ट्र हित के लिए काम करें।
कुमार की पहली प्राथमिकता प्रशासनिक सेवा होगी और दूसरी आईआरएस (IRS)। कुमार ओडिशा में काम करना चाहते हैं। कुमार बिस्वारंजन को सफलता का परचम लहराने के लिए शुभकामना देता है जो आज की युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा है।