हिंदु युवकों आज का युग | Hindu Yuvako Aaj Ka yugadharma

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हिंदु युवकों आज का युग धर्म शक्ति उपासना है ॥

बस बहुत अब हो चुकी है शांति की चर्चा यहाँ पर
हो चुकी अति ही अहिंसा सत्य की चर्चा यहाँ पर
ये मधुर सिद्धान्त रक्षा देश की पर कर ना पाए
ऐतिहासिक सत्य है यह सत्य अब पहचानना है ॥

हम चले थे विश्व भर को प्रेम का संदेश देने
किंतु जिन को बंधु समझा आ गया वह प्राण लेने
शक्ति की हम ने उपेक्षा की इसीका दंड पाया
यह प्रकृति का ही नियम है अब हमे यह जानना है ॥

जग नही सुनता कभी दुर्बल जनों का शान्ति प्रवचन
सिर झुकाता है उसे जो कर सके रिपु मान मर्दन
हृदय मे हो प्रेम लेकिन शक्ति भी कर मे प्रबल हो
यह सफलता मन्त्र है करना इसी की साधना है ॥

यह न भूलो इस जगत मे सब नही है संत मानव
व्यक्ति भी है राष्ट्र भी है जो प्रकृति के घोर दानव
दुष्ट दानव दमनकारी शक्ति का संचय करे हम
आज पीडित मातृभू की बस यही आराधना है ॥

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