महज 14 वर्ष की उम्र में रिक्शा चलाकर परिवार का पेट भर रही है नंदिनी , पढ़िए पूरी कहानी !

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जब समस्याओं का अंबार लग जाता है तो जिंदगी जीना दूभर हो जाता है ! कोरोना संक्रमण के कारण लगे लॉकडाउन की स्थिति में जब एक-एक वाहनों का परिचालन बन्द है ऐसे में रिक्शा चलाकर पेट पालने वाले लोगों की स्थिति कितनी दयनीय हो सकती है इसकी सहजीय कल्पना की जा सकती है ! ऐसे में अपने परिवार को पेट भरने के लिए महज 14 वर्ष की उम्र में नंदिनी रिक्शा चला रही हैं

बिहार के सासाराम जिले के बौलिया की रहने वाली हैं नंदिनी ! वह और उनका परिवार आर्थिक रूप से बेहद कमजोर है ! वह खुद दो पैसे कमाने के लिए दूसरे के घरों में चूल्हा-चौका और जूठा मांजने का काम करती है ! उनके पिता एक रिक्शा चालक हैं जो बहुत मुश्किल से चन्द पैसे कमा पाते हैं !

नंदिनी बताती हैं…

हमलोगों की आर्थिक स्थिति बहुत दयनीय है ! मेरे पापा रिक्शा चलाकर किसी तरह कुछ पैसे कमा पाते थे ! कोरोना के कारण लॉकडाउन लग गया तो ऐसे में पापा का रिक्शा चलाना भी रूक गया लेकिन पेट की आग ने उन्हें जबरदस्ती लॉकडाउन में रिक्शा निकालने को मजबूर कर दिया ! लॉकडाउन में रिक्शा चलाने के कारण उन्हें कई बार पुलिस से पिटाई भी खानी पड़ी ! अंतत: उन्होंने रिक्शा चलाना छोड़ दिया !मैं दूसरे के घरों में काम-काज करती थी वह भी लॉकडाउन के कारण छुट गया ! अब ऐसे में हमलोगों को दो जून की रोटी भी नसीब होने पर आफत आ गई ! इस स्थिति में किसी ना किसी तरीके से दो पैसे की आमदनी सुनिश्चित करनी थी ! ऐसे में मुझे लगा कि मैं एक लड़की हूँ मुझे कोई भी रिक्शा चलाने से नहीं रोकेगा यह सोंचकर मैने रिक्शा चलाने का विचार मन में लाया और जल्द हीं रिक्शा चलाना सीख गई ! जिसके बाद रिक्शा लेकर मैं सड़क पर निकल गई और दो पैसे कमाने लगी ! दूसरों के आसरे जिंदगी कब तक जीती इसलिए मैंने रिक्शा चलाने का फैसला किया !

प्रेरणा हैं नंदिनी

बेरोजगार लोग हमेशा रोजगार का अभाव होने की बात करते हैं ! वह ना तो ज्यादा प्रयास करते हैं या फिर वह मन माफिक काम चाहते हैं ! उन सभी लोगों के लिए नंदिनी ने अपने प्रयासों से एक प्रेरणा भरा कार्य किया है और बतला दिया है कि चाहे परिस्थिति जितनी बुरी हो इंसान को हारना नहीं चाहिए और कोई ना कोई उपाय ढूँढना चाहिए ! नंदिनी बताती हैं कि आस पास के लोग उन्हें रिक्शा चलाते देख उनका मजाक भी उड़ाया ! मैंने किसी की बातों पर ध्यान नहीं दिया !

इतनी छोटी सी उम्र में परिवार के जिम्मेदारियों का निर्वहन करने के लिए रिक्शे तक चलाने वाली नंदिनी बेहद हीं मेहनती , जुझारू और जिम्मेदार लड़की है ! अपने सामने आए समस्याओं से बिना डिगे उसने उसका समाधान निकाल लिया ! नंदिनी और उसके जज्बे को सलाम करता है !

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