गीता के ये 5 अनमोल वचन जीवन के हर मोड़ पर आएंगे आपके काम, जानें जरूर

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श्रीमद्भगवतगीता में जो उपदेश दिए गए हैं उनमें जीवन के हर पहलू और हर अवस्‍था का पूरा सार छिपा है। इन वचनों में जीवन के हर अनुभव के बारे में विस्‍तार से बताया गया है। व्‍यक्ति के जन्‍म लेने से मृत्‍यु तक और उसके बाद के चक्र को श्रीमद्भगवतगीता में विस्‍तार से बताया गया है। इन वचनों में से हम आपको बता रहे हैं ऐसे 5 वचनों के बारे में जो आपके जीवन में हर मोड़ पर आपके काम आएंगे…

1 ऐसा व्‍यक्ति कभी खुश नहीं रहता

गीता के उपदेश में बताया गया है कि जो व्‍यक्ति बिना वजह किसी पर संदेह करता है वह कभी खुश नहीं रह सकता। संदेह करने पर रिश्‍तों में कड़वाहट पैदा होती है।

2 ये तीन हैं नरक के द्वार

गीता में बताया गया है कि वासना, गुस्‍सा और लालच-ये तीनों चीजें नरक के द्वार हैं। अगर आपको सुखी रहना है तो आपको इन तीनों चीजों से दूर रहना चाहिए।

3 इस पर शोक करना व्‍यर्थ है

गीता में कहा गया है कि जो भी जीव जन्‍म लेता है उसकी मृत्‍यु भी निश्चित है। इसलिए जो चीज निश्वित है उसके लिए शोक या पछतावा किस बात का है।

4 ऐसे व्‍यक्ति को करनी चाहिए भलाई

गीता के सार में बताया गया है कि अगर कोई व्‍यक्ति बुद्धिमान है तो उसे समाज की भलाई के लिए भी काम करना चाहिए। ऐसे व्‍यक्ति को बिना किसी स्‍वार्थ के समाज के लिए भी योगदान देना चाहिए।

5 ऐसा व्‍यक्ति भगवान को प्राप्‍त करता है

गीता के उपदेशों में एक यह भी है कि जो व्‍यक्ति भगवान को याद करते हुए मृत्‍यु को प्राप्‍त होता है वह सीधा भगवान के धाम को प्राप्‍त होता है।

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