50 से भी अधिक आतंकवादियों को ढेर कर चुके हैं, CRPF के इस अफसर को मिल चुके हैं कई वीरता: Naresh Kumar Dher

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हमारे देश में जांबाज़ों की कोई कमी नहीं है। युवाओं में भी देश भक्ति ऐसे झलकती है कि देख कर हर किसी का मन हर्षोल्लास से भर जाता है। कोई सेना ज्वाइन कर अपनी देश भक्ति दिखाता है तो वहीं कोई पुलिस बन कर ईमानदारी के जलसे बिखेरता है। कोई वीरता के परचम लहराता है… तो वहीं कई देश की रक्षा करते हुए अपनी प्राणों की आहुति दे देता है। एक ऐसे हीं वीर जाबाज़ हैं नरेश कुमार ढेर, जिन्होंने मात्र 4 साल में ‘देश सेवा’ में 7 वीरता पुरस्कार अपने नाम कर चुके है।

ऑफिसर नरेश कुमार ढेर (Naresh Kumar Dher)

नरेश कुमार ढेर पंजाब के होशियारपुर के रहने वाले है। उनके दादा, पिता और उनके चाचा समेत परिवार के दूसरे अन्य सदस्‍य भी सेनाओं में सेवा दे चुके हैं । उन्हीं से प्रेरणा लेकर नरेश भी सेना में अपना परचम लहरा रहें है।

नरेश कुमार ढेर (Naresh Kumar Dher) सीआरपीएफ (CRPF) में असिस्‍टेंट कमांडेंट के पद पर कार्यरत है। नरेश मात्र 4 साल में ही कई कृतिमान अपने नाम लिख चुके है। इतने कम समय में ही इन्होंने ऐसा रिकॉर्ड बनाया है कि आज इनकी चर्चा हर किसी के जुबां पर है। नरेश अब तक 50 खतरनाक आतंकियों को ढेर कर चुके है। साथ हीं उनको 4 सालों में ही मिल चुका है 7 वीरता पुरस्कार। इतने कम समय में 7 बार वीरता पुरस्कार पाने वाले नरेश पहले ऑफिसर है। कमांडेंट नरेश को इस साल भी Republic Day (गणतंत्र दिवस) के मौके पर वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

26 जनवरी को मिला सम्मान

नरेश कुमार ढेर सीआरपीएफ में कार्यरत एक ऐसे वीर योद्धा है, जो जम्‍मू कश्‍मीर में अपनी राइफल के दम पर 50 आतंकियों का सफाया कर चुके हैं। इतना ही नहीं 2018 में चलाए गए ऑपरेशन में असिस्‍टेंट कमांडेंट नरेश कुमार द्वारा लश्‍कर-ए-तैयबा के टॉप आतंकी शौकत अहमद छाक और दो आतंकियों को ढेर किया गया था। जिसके लिए उन्हें इसी वर्ष 26 जनवरी को पुलिस वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

74वें स्‍वतंत्रता दिवस के मौके पर भी मिला पुरस्कार

नरेश कुमार ढेर को 74वें स्‍वतंत्रता दिवस के मौके पर भी मिला पुरस्कार। बीते Independence day (15 अगस्त) को गृह मंत्रालय की ओर से 926 बहादुर जांबाज़ों को पुरस्कृत करने का ऐलान किया गया, जिनमें नरेश कुमार ढेर का भी नाम शामिल था। इस सम्मान में बहादुरी के लिए 215 पुलिस मेडल और 80 राष्ट्रपति मेडल देने का ऐलान हुआ। जिनमें 631 मेडल असाधारण सर्विस के लिए दिया गया। वहीं नरेश को यह सम्मान 2017 में एक आत्‍मघाती हमले के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन के लिए मिला। उस समय नरेश ने यह ऑपरेशन हाई सिक्‍योरिटी श्रीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के करीब बीएसएफ के कैंप पर होने वाले जैश-ए-मोहम्‍मद (जैश) के हमले को नाकाम करने के लिए चलाया था, जिसमें नरेश द्वारा 3 अतांकी ढेर हुए थे।

कंधे पर तीन सितारे सजाने का प्रण

नरेश जब 12 वीं कक्षा की पढ़ाई कर रहे थे तब उनके पिता सेना से ऑनरेरी कैप्‍टन के तौर पर रिटायर हुए। पिता के रिटायरमेन्ट के समय नरेश ने उनके कंधे पर 3 स्टार लगे देख प्रण किया कि वह भी एक दिन ये मुकाम ज़रूर हासिल करेंगे, तीन सितारे अपने कंधे पर वह भी सजाएंगे। उनकी पत्‍नी शीतल रावत भी सीआरपीएफ में ऑफिसर हैं। नरेश के अनुसार वह जितने भी ऑपरेशन किए है, उनकी गिनती करना भी मुश्किल है। लेकिन उनकी टीम के द्वारा लगभग 50 अतंकियों को मौत के घाट उतारा गया है। इस नेक कार्य में इंडियन आर्मी और जम्‍मू कश्‍मीर पुलिस ने भी पूरा सहयोग दिया जिसके लिए नरेश उन्हें धन्यवाद कहते हैं।

पुरस्कारों का विवरण

नरेश के अनुसार उन्हें पहली बार 2017 में सम्मान मिला, जो 2016 में हुए एक ऑपरेशन में विदेशी आतंकियों को मारने के लिए था। आगे साल 2018 में दो पीएमजी मिले जो हिजबुल के कमांडर्स को मारने के लिए मिला था। इस वर्ष भी नरेश को दो पीएमजी मिले जिनमें एक 26 जनवरी को और दूसरा 15 अगस्त को….!!

हमारे देश को Naresh Kumar Dher जैसे कई वीर योद्धाओं की ज़रूरत है जो अपनी जान की परवाह किए बगैर राष्ट्र सेवा में अपना योगदान दे रहे है। नरेश को बधाइयां देता है और उनके द्वारा किए गए साहसिक कार्यों के लिए आभार प्रकट करता है।

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