55 वर्षीय नर्स जो जंगल के दुर्गम और डरावनी रास्तों को पारकर लोगों तक स्वास्थ्य सेवा पहुंचा रही हैं
यूं तो सेवा करने के लिए त्याग और समर्पण की जरूरत होती है लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जो परोपकार और सेवा की पराकाष्ठा बन जाते हैं ! राह में आए बड़ी बाधाओं को भी पार करके सेवा को निरन्तर जारी रखते हैं ! इसी क्रम में अपने सेवा कार्य से 55 वर्षीय एक नर्स मुदगली तिर्की प्रेरणा पेश कर रही हैं ! वह जंगल के दुर्गम और दुर्लभ रास्तों को पार कर गांव तक पहुँचती हैं और लोगों को स्वास्थ्य सेवा दे रही हैं ! आईए जानते हें कि मुदगली किस तरह सेवा को इतनी निष्ठा से कर रही हैं !
आज के समय में लोगों के सामने स्वास्थ्य ठीक रखने की बड़ी चुनौती है ! उसी क्रम में यह सहजीय कल्पना की जा सकती है जिस गाँव सा क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा का कोई साधन ना हो और लोगों को इलाज के लिए दूर कहीं शहर पर निर्भरता हो ऐसे में उन्हें कितनी बड़ी समस्या से दो चार होना पड़ता है !
मुदगली तिर्की छतीसगढ के सरगुजा जिले के सूर गांव में अपनी सेवा दे रही हैं ! वह अपने कार्य के प्रति बेहद हीं संजीदा हैं और अपनी जिम्मेदारियों को निर्वहन करते हुए लोगों की सेवा करने की उनकी तत्परता बेहद हीं प्रेरक है !
जंगल के दुर्गम रास्तों को पार कर पहुँचाती हैं स्वास्थ्य सेवा
वह गाँव जंगलों के उस पार शहर से बेहद अंदर है और यहाँ जाने के लिए कोई साधन नहीं है ! जंगलों के पथरीली , दुर्गम और डरावनी रास्तों से होकर लोगों तक स्वास्थ्य सेवा पहुँचाना बेहद मुश्किलों भरा कार्य है ! लेकिन मुदगिल इन बाधाओं को पारकर लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवा पहुँचा रही हैं ! वह गाँव के बीमार बच्चों के लिए दलिया व सूजी भी लेकर जाती हैं ताकि उन्हें भूखमरी का शिकार ना होना पड़े ! गाँव की कई महिलाओं को उन्होंने डिलीवरी भी करवाई है ! गांव में गंभीर रूप से बीमार लोगों को अस्पताल भी लेकर जाती हैं जिससे कि उनका बेहतर इलाज हो सके !
जब भी पड़ती है जरूरत मुदगिल शीघ्र पहुँचती हैं
यूं तो मुदगिल उस गाँव में हर हफ्ते में दो बार जाती हैं लेकिन इसके साथ जब भी उनकी जरूरत पड़ती है वे वहाँ हाजिर हो जाती हैं ! वे वहाँ के लोगों के लिए दवा का भी पर्याप्त व्यवस्था करवाती हैं ! लोगों की सेवा में हमेशा तत्पर रहने के कारण हीं लोग उन्हें एक मसीहा मानते हैं !
कोरोना काल में भी नहीं रूके कदम
आज जब कुछ महीनों से हर ओर कोरोना वायरस का कहर जारी है और लोगों को घर में हीं रहने को कहा जा रहा है उस स्थिति में भी बगैर खुद की परवाह किए मुदगिल अपनी स्वास्थ्य सेवा जारी रख रही हैं ! कोरोना काल में भी वह पूर्ववत् अपनी सेवा जारी रखी हुई हैं !
मुदगिल तिर्की ने राह में आने वाली बाधाओं को पार करते हुए से जिस तरह अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन और लोगों की सेवा कर रही हैं वह प्रेरणाप्रद है मुदगिल जी को नमन करता है !