Arti Ganesh Ki: गणपति राखो मेरी लाज आरती से करें प्रथम पूज्य गणेश जी का गुणगान
गणपति राखो मेरी लाज गणपति राखो मेरी लाज
पुरन कीजे मेरे काज पूरन कीजे मेरे काज।
तू भक्तों का प्यारा है सबका पालनहारा है
भयहारी दुखहारी तू करता मूषक सवारी तू
तू ही विघ्न-विनाशक है दीनजनों का रक्षक है
तेरा ही हम नाम जपें तुझको हम प्रणाम करें
सदा रहे खुशहाल गणपति लाल जो प्रथमें तुम्हे ध्यावे
गोरी पुत्र प्यारे जगत से न्यारे वो तुझसे सबकुछ पावे
तेरी दया का में मोहताज तेरी दया का में मोहताज
हे सम्भु के लाल प्रभु किरपाल में आया शरण तिहारी
हे गिरिजा के लाल प्रभु दिग्पाल तेरी है महिमा न्यारी
विनती सुनलो मेरी आज विनती सुनलो मेरी आज
गणपति राखो मेरी लाज पूरण कीजो मेरे आज
कभी न टूटे आस मेरा विश्वास,
मैं आया शरण तुम्हारी हे शंभू के लाल प्रभु किरपाल,
हे तेरी महिमा न्यारी,
तेरे दया का मैं मोहताज,
गणपति राखो मेरी लाज, पूरण कीजो मेरे काज।
जिसके सर पे हाथ तेरा हो नाथ उसे फिर कैसा डर है
जपे जो तेरा नाम सुबह और शाम तो उसका नाम अमर है, सब देवों के तुम सरताज ।
गणपति राखो मेरी लाज
पूरण कीजो मेरे काज।।