Badhna hi apna kaam hai | बढ़ना ही अपना काम है गणगीत | RSS best gangeet in hindi | जोश वाला गीत
आंधी चाहे तूफ़ान मिले ,
चाहे जीने व्यवधान मिले ,
बढ़ना ही अपना काम है ,
बढ़ना ही अपना काम है।
हम नई चेतना की धारा,
हम अंधियारे में उजियारा ,
हम उस ब्यार के झोंखे हैं
जो हरले सबका दुःख सारा।
बढ़ना ही अपना काम है ,
बढ़ना ही अपना काम है।
बढ़ना है शूल मिले तो क्या ?
पथ में अंगार जले तो क्या ?
जीवन में कहाँ विराम है ?
बढ़ना ही अपना काम है।
बढ़ना ही अपना काम है।
हम अनुयायी उन पांवों के ,
आदर्श लिए जो खड़े रहे ,
बाधाएं जिन्हे डिगा न सकी ,
जो संघर्ष पर अड़े रहे।
बढ़ना ही अपना काम है ,
बढ़ना ही अपना काम है।