BHARAT JANANI EK HRUDAY HO || भारत जननी एक हृदय हो

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एक राष्ट्र का चिंतन मन में
कोटि कोटि जनता की जय हो
भारत जननी एक ह्रदय हो

स्नेह सिक्त मानस की वाणी
गूंजे गिरा यही कल्याणी
चिर उदार भारत की संस्कृति
सदा अभय हो सदा अजय हो
भारत जननी एक ह्रदय हो

मिटे विषमता सरसे समता
रहे मूल में मीठी ममता
तमस कालिमा को विदीर्ण कर
जन-जन का पथ ज्योतिर्मय हो
भारत जननी एक ह्रदय हो

एक धर्म भाषा विभिन्न स्वर
एक राग अन्तर में सजकर
झंकृत करे ह्रदय तन्त्री को
स्नेह भाव प्राणों में लय हो
भारत जननी एक ह्रदय हो

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