Bhraman Nand Giri Ji Aarti | ब्रह्मानंद गिरी जी की आरती लिरिक्स

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जय ब्रह्मानन्द गिरी जी, स्वामी जय ब्रह्मानन्द गिरी जी ,
निज भक्तन के तुमने, पूर्ण कारज करे ,
जय ब्रह्मानन्द गिरी जी, स्वामी जय ब्रह्मानन्द गिरी जी ,

रत्नसिंहासन राजत, सेवक भक्त खड़े,
खेवत धूप अग्नि पर, दीपक ज्योत जरे ,
ॐ जय ब्रह्मानन्द गिरी जी, स्वामी जय ब्रह्मानन्द गिरी जी ,

राम मंदिर का सपना, तुमने प्रभु दीना ,
मंदिर तीन शिखर का, निर्मित है कीना ,
ॐ जय ब्रह्मानन्द गिरी जी, स्वामी जय ब्रह्मानन्द गिरी जी ,

आत्मा ज्ञान विरागी, सम दृष्टि धारी ,
माया मोह विनाशक, ज्ञान ज्योति जारी ,
ॐ जय ब्रह्मानन्द गिरी जी, स्वामी जय ब्रह्मानन्द गिरी जी,

जल में भीनं कमल जो, घर में बाल यति ,
राज पाठ सब त्यागे, ममता मोह हती ,
ॐ जय ब्रह्मानन्द गिरी जी, स्वामी जय ब्रह्मानन्द गिरी जी

श्री ब्रह्मानन्द जी की आरती , जो कोई नर गावे
गवत दास ललित गेरा, मनवांछित फल पावे
ॐ जय ब्रह्मानन्द गिरी जी, स्वामी जय ब्रह्मानन्द गिरी जी

।। श्री ब्रह्मानन्द गिरी जी महाराज की जय ।।

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