charaiveti charaiveti yahi ho mantra apna | चरैवेति चरैवेति यही तो मन्त्र है अपना । गणगीत

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चरैवेति चरैवेति यही तो मन्त्र है अपना , नहीं रुकना नहीं थकना

सतत् चलना सतत् चलना , यही तो मंत्र है अपना।

शुभंकर मंत्र है अपना।।२

हमारी प्रेरणा भास्कर है , जिनका रथ सतत् चलता ,

युगों से कार्यरत है , जो सनातन है प्रबल ऊर्जा ,

गति मेरा धरम है जो भ्रमण करना भ्रमण करना ,

यही तो मंत्र है अपना शुभंकर मंत्र है अपना। ।

हमारी प्रेरणा माधव है जिनके मार्ग पर चलना ,

सभी हिंदू सहोदर है ये जन – जन को सभी कहना ,

स्मरण उनका करेंगे और समय दें अधिक जीवन का ,

यही तो मंत्र है अपना शुभंकर मंत्र है अपना। ।

हमारी प्रेरणा भारत है भूमि की करें पूजा ,

सुजलां सुफलां सदा स्नेहा यही तो रूप है उसका ,

जियें माता के कारण हम करें , जीवन सफल अपना ,

यही तो मंत्र है अपना शुभंकर मंत्र है अपना। ।

सतत् चलना सतत् चलना , यही तो मंत्र है अपना।

शुभंकर मंत्र है अपना।

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