संगी सखि हे बहिना मैथिली लोकगीत || मैथिली शिव भजन लिरिक्स || Maithili Shiv Bhajan Lyrics
संगी सखि हे बहिना हम आइ देखल एक सपना हे हम आइ देखल एक सपना हमरो साजन बूढ़ बर छथि...
संगी सखि हे बहिना हम आइ देखल एक सपना हे हम आइ देखल एक सपना हमरो साजन बूढ़ बर छथि...
मारने वाला है भगवान, बचाने वाला है भगवान। श्रद्धा रखो जगत के लोगो, अपने दीनानाथ में । लाभ हानि जीवन...
भगत के वश में है भगवान, भक्त बिना ये कुछ भी नहीं है। भक्त है इसकी जान, भगत के वश...
दुनिया तो मैं नचैया बथेरा, फिर भी ना कोई बनया मेरा नी मैं की करना संसार आज मैनु नच लेन...
चलू सखि देखन गौरी बरियतिया हे देखइत बूढ़ बर फाटे मोर छतिया हे गालो चोकटल, फूलल मुह, अूटल छनि दंतिया...
गौरी बर अएला अलख लखिया, चलू देखू सखिया हे बर के ने माय-बाप कुल-जतिया, भूत ओ प्रेत संग बरियतिया बसहा...
ना जायब, ना जायब, ना जायब हे सखि गौरी अंगनमा गौरी अंगनमा सखि, पारबती अंगनमा बहिरा साँपक मांड़ब बनाओल, तेलिया...
दुर-दुर नारद एहन बर लयलौं कोना पढ़ि पोथी ओ पतरा बिसरलौं कोना बसहा पीठ छथि असवार, कर त्रिशूल-मुन्डमाल पैर फाटल...
आजु सदाशिव शंकर हर के देखलौं गे माइ हर के देखलौं गे माई एहन स्वरूप शिवशंकर, शोभा वरनि न जाइ...
बाटमे दौड़ी-दौड़ी सभसँ पुछथि गौरी कि आहो रामा, हमरो सदाशिव के केओ देखल रे की देहमे भस्म लेपे, आठो अंग...
देखू सखि दाइ माइ, ठकलक बभना आइ पहिने सुनैत छलियनि जस तीन भुवन, आब सुनैत छियनि घर नहि आंगन भोला...
देखल ने एहन जमाइ गे माइ भन-भन भृंग भनकय, सखि हे सह-सह करनि साँप आगू-पाछू भूत भभूत लए कर, देखि...