बाटमे दौड़ी-दौड़ी सभसँ पुछथि गौरी || मैथिली शिव भजन लिरिक्स | Maithili Shiv Bhajan Lyrics

0

बाटमे दौड़ी-दौड़ी सभसँ पुछथि गौरी
कि आहो रामा, हमरो सदाशिव के केओ देखल रे की
देहमे भस्म लेपे, आठो अंग सर्प नाचे
कि आहो रामा, भांग झोरी कँखिया झुलाबथि रे की
हाथमे त्रिशूल शोभे, बघम्बर छाल शोभे
कि आहो रामा, नाचि-नाचि डामरु बजाबथि रे की
त्रिनेत्र ढ़ल-ढ़ल, गले बिच विष हलाहल
कि आहो रामा, माथे पर जटा लटकाबथि रे की
पिसैत छलहुँ भांगक गोला, रूसि गेलाह मोरो भोला
कि आहो रामा, भवप्रीता चरण अरज लगाबथि रे की

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *