आजु सदाशिव शंकर हर के देखलौं गे माइ || मैथिली शिव भजन लिरिक्स | Maithili Shiv Bhajan Lyrics

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आजु सदाशिव शंकर हर के देखलौं गे माइ
हर के देखलौं गे माई
एहन स्वरूप शिवशंकर, शोभा वरनि न जाइ
हर के देखलौं गे माई
हिनकर बयस परम लघु देखल, लखि पन्द्रह तक जाइ
जँ केओ हिनका बूढ़ कहैत अछि, ओ छथि परम बताहि
हर के देखलौं गे माई
देखइत नीलकंठ बर सुन्दर, चन्द्र ललाट सोहाइ
मस्तक ऊपर मध्य जटामे, बैसल गंगामाइ
हर के देखलौं गे माई
गले मे नागक हार बिराजे, अंगमे भस्म लगाइ
मुण्डक माल गलेमे शोभनि, जटा के लट छिड़िआइ
मुण्डक माल गलेमे शोभनि, जटा के लट छिड़िआइ
हर के देखलौं गे माई
भनहि विद्यापति सुनू हे मनाइनि, देखू मनयित लाई
केहन उमत बर नारद जोहि लयला, भरि त्रिभुवन नहि पाई

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