रुद्रयामल तंत्र पटल २९ , Rudrayamal Tantra Patal 29, रुद्रयामल तंत्र उन्तीसवाँ पटल
रुद्रयामल तंत्र पटल २९ में पुन: षट्चक्र भेदन कहा गया है। षट् चक्र का ज्ञाता साधक सर्वशास्त्रार्थ का ज्ञाता होता...
रुद्रयामल तंत्र पटल २९ में पुन: षट्चक्र भेदन कहा गया है। षट् चक्र का ज्ञाता साधक सर्वशास्त्रार्थ का ज्ञाता होता...
शिवसूत्र को वैदिक संस्कृत भाषा में लिखा गया था । इसमें कुल ३ अध्याय और ७७ सूत्र हैं, जो काश्मीरी...
स्पन्द कारिका भगवत् आचार्य वसुगुप्त की कृति है तथा उनके शिष्य श्री कल्लटाचार्य जी ने श्लोकबद्ध करके ग्रन्थ का आकार...
शिवसूत्र में तीन उन्मेष हैं। प्रथम शांभव उन्मेष में योग की परावस्था वर्णित है। द्वितीय उन्मेष शाक्तोपाय में चंचल मन...
इससे पूर्व अंक में स्पन्द कारिका के प्रथम प्रकरण और द्वितीय प्रकरण को दिया गया अब तृतीय प्रकरण में विभूतिस्पन्द...
शिवसूत्र में शाम्भव, शाक्त एवं आणव तीन प्रकरण हैं। तृतीय आणवोपाय उन्मेष में आत्मा, माया आदि विषयों का निरूपण किया...
नसरीन मोहम्मदी आधुनिक भारतीय चित्रकारों में से एक प्रमुख नाम हैं। इन्हें भारत के बीसवीं शताब्दी के प्रमुख कलाकारों में...
त्रोटकाष्टक अथवा तोटकाष्टक एक गुरु स्तुति है। जिसे तोटकाचार्य जी ने अपने गुरु आदि शंकराचार्यजी की प्रशंसा और सम्मान में...
कवि श्रीजयदेवजीकृत श्रीगीतगोविन्दम् प्रथम सर्ग सामोद-दामोदर तृतीय सन्दर्भ अष्ट पदि ३ में इस तृतीय प्रबन्ध का नाम “माधव उत्सव कमलाकर"...
सिनेमा जगत कपड़ों के फैशन के नये ट्रेंड के लिए जाना जाता है। पर्दे पर फिल्मी सितारों के द्वारा पहने...
स्पन्द कारिका के प्रथम प्रकरण में स्वरूपस्पन्द दिया गया अब द्वितीय प्रकरण में सहजविद्योदय वर्णित है। सहजविद्योदय स्पन्दकारिका अथ सहजविद्योदयास्य...
कवि श्रीजयदेवजीकृत श्रीगीतगोविन्दम् प्रथम सर्ग सामोद-दामोदर चतुर्थ सन्दर्भ अष्ट पदि ४ का नाम “भ्रमर पदम्" है। चतुर्थ प्रबन्ध के श्लोक...