गायत्री पुरश्चरण – Gayatri Purashcharan
तन्त्र श्रृंखला में मन्त्रमहार्णव के गायत्रीतन्त्र के भाग-४ में गायत्री - पुरश्चरण का प्रयोग को दिया जा रहा है। गायत्री...
तन्त्र श्रृंखला में मन्त्रमहार्णव के गायत्रीतन्त्र के भाग-४ में गायत्री - पुरश्चरण का प्रयोग को दिया जा रहा है। गायत्री...
जो व्यक्ति माँ दुर्गा का पूजा करके मायातन्त्र पटल ३ के श्लोक १२ से २० में वर्णित इस दुर्गा स्तोत्र...
जो व्यक्ति मायातन्त्र पटल ३ के श्लोक २३ से ३८ में वर्णित माँ दुर्गा के इस वज्र पंजर कवच का...
तन्त्र श्रृंखला में आगमतन्त्र से माया तन्त्र के पटल १ में सृष्टि की उत्त्पत्ति का वर्णन हुआ है। मायातन्त्र...
तन्त्र श्रृंखला में आगमतन्त्र से मायातन्त्र के पटल २ में माया की आराधना की उस विधि बतलाई गई है। मायातन्त्र...
जो मानव अथवा जिन गृहों में प्रातःकाल एवं सायंकाल परम भक्ति के साथ इन्द्रकृत लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ किया जाता...
तन्त्र श्रृंखला में आगमतन्त्र से मायातन्त्र के पटल ३ में देवी का यन्त्र और उनकी स्तुति(स्तोत्र) तथा कवच को बतलाया...
श्रीरुद्रयामल तंत्र के शिवगौरीसंवाद में यह लक्ष्मीस्तोत्र वर्णित है । भगवान् शिव ने इस स्तव के माहात्म्य को बतलाते हुए...
रुद्रयामल तंत्र पटल २७ में पुनः प्राणवायु के धारण प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान एवं समाधि की विस्तार से चर्चा है।...
दुर्गासप्तशती में कहा गया है- ‘स्त्रियः समस्ताःसकला जगत्सु ।" अर्थात् जगत में जो कुछ है वह स्त्रीरूप ही है, अन्यथा...
सत्यं किम प्रमाणं, प्रत्यक्षं किम प्रमाणं' सत्य को किसी प्रमाण की आवश्यकता नहीं है, न ही जो स्पष्ट है। विश्वेश्वर...
तन्त्र श्रृंखला में आगमतन्त्र से योनितन्त्र पटल १ को आपने पढ़ा अब पटल २ में योनिपीठ पूजा वर्णित है। योनि...