Gita Gyan by Krishna
हे अर्जुन !
क्रोध को जीतने में मौन ही सबसे अधिक सहायक होता है !
!! कृष्ण ज्ञान !!
| गीता सार |
जो मेरी शरण में आता है उसका कभी विनाश नहीं होता |
हे अर्जुन | तुम निडर होकर यह घोषणा कर दो ||
ज़िंदगी में कभी उदास मत होना , कभी नाराज़ नहीं होना |
यह ज़िंदगी एक संघर्ष सी चलती रहेगी , बस तुम अपना जीने का अंदाज़ ना खोना ||
जो इंसान आपके बुरे समय में आपका भागीदार है |
अपने अच्छे समय का सच्चा भागीदार वही है |
हम अपने आप को भगवान् के समक्ष अर्पित कर दें.
यही सबसे उत्तम सहारा है और भय ,चिंता और शोक से मुक्ति पाने का एक सर्वश्रेष्ठ मार्ग भी है .
यदि आप चाहते है सभी आपसे प्रेम करे तो प्रेम की शुरुआत पहले आपको करनी होगी
क्योंकि प्रकृति का नियम है जो बोया है वो ही निकलेगा
सदैव संदेह करने वाले व्यक्ति के लिए प्रसन्नता ना इस लोक में है ना ही कहीं और.
मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है.जैसा वो विश्वास करता है वैसा वो बन जाता है.
मन की गतिविधियों, होश, श्वास, और भावनाओं के माध्यम से भगवान की शक्ति सदा तुम्हारे साथ है; और लगातार तुम्हे बस एक साधन की तरह प्रयोग कर के सभी कार्य कर रही है.
उससे मत डरो जो वास्तविक नहीं है, ना कभी था ना कभी होगा.जो वास्तविक है, वो हमेशा था और उसे कभी नष्ट नहीं किया जा सकता.
व्यक्ति जो चाहे बन सकता है यदी वह विश्वास के साथ इच्छित वस्तु पर लगातार चिंतन करे.
हर व्यक्ति का विश्वास उसकी प्रकृति के अनुसार होता है.
मैं उन्हें ज्ञान देता हूँ जो सदा मुझसे जुड़े रहते हैं और जो मुझसे प्रेम करते हैं.
प्रबुद्ध व्यक्ति सिवाय ईश्वर के किसी और पर निर्भर नहीं करता.
मैं धरती की मधुर सुगंध हूँ. मैं अग्नि की ऊष्मा हूँ, सभी जीवित प्राणियों का जीवन और सन्यासियों का आत्मसंयम हूँ.