Ham Kanchan Hai Kanch Nahi Hai-हम कंचन है कांच नहीं है
हम कंचन है कांच नहीं है ले लो अग्नि परीक्षा।
सुख की नहीं कष्ट सहने की हमने ली है दीक्षा॥
चाहे ठोंक बजाकर देखो चटके पात्र नहीं हैं
अंगारों में तपे हुए हैं मिट्टी मात्र नहीं हैं
दृढ बनने के लिए सही है हमने बहुत प्रतिक्षा॥१॥
हम हारे इन्सान नहीं हैं हम है वीर विजेता
क्रांति रक्त में बहती है हम हैं इतिहास सृजेता
तूफानो में पलने की हमने पायी है शिक्षा॥२॥
श्री समृद्धि पाने को श्रम का सागर पुनः मथेंगे।
अगर जरुरत होगी तारे तोड़ गगन से लेंगे
है पुरुषार्थ प्रबल मांगेंगे कभी नहीं हम भिक्षा॥३॥
उतरेंगे हम खरे सदा हर एक कसौटी पर ही
पाञ्चजन्य का काम करेगा आज हमारा स्वर ही
युग का वेदव्यास करेगा अपनी कार्य समीक्षा॥४॥
hama kaṁcana hai kāṁca nahīṁ hai le lo agni parīkṣā |
sukha kī nahīṁ kaṣṭa sahane kī hamane lī hai dīkṣā ||
cāhe ṭhoṁka bajākara dekho caṭake pātra nahīṁ haiṁ
aṁgāroṁ meṁ tape hue haiṁ miṭṭī mātra nahīṁ haiṁ
dṛuḍha banane ke lie sahī hai hamane bahuta pratikṣā ||1||
hama hāre insāna nahīṁ haiṁ hama hai vīra vijetā
krāṁti rakta meṁ bahatī hai hama haiṁ itihāsa sṛjetā
tūphāno meṁ palane kī hamane pāyī hai śikṣā ||2||
śrī samṛddhi pāne ko śrama kā sāgara punaḥ matheṁge|
agara jarurata hogī tāre toṛa gagana se leṁge
hai puruṣārtha prabala māṁgeṁge kabhī nahīṁ hama bhikṣā ||3||
utareṁge hama khare sadā hara eka kasauṭī para hī
pāñcajanya kā kāma karegā āja hamārā svara hī
yuga kā vedavyāsa karegā apanī kārya samīkṣā ||4||