Hazrat Suleman History In Hindi Biography | हजरत सुलेमान का जीवन परिचय : जो यहूदी धर्म, ईसाई धर्म और इस्लाम के धर्मों में प्रसिद्ध हैं

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हजरत सुलेमान अलैहिस्सलाम का जीवन परिचय, जीवनी, जयंती कब है, प्रेमिका, जीवनसाथी ( Hazrat Suleman History in Hindi) (Biography, Story, Jayanti)  

सुलैमान (इस्लाम) क़ुरआन में वर्णित अरबी भाषा में प्राचीन अरब के एक नबी पैग़म्बर का नाम है। हज़रत दाऊद के पुत्र, इस्लाम मान्यता से सुलैमान को जानवरों और जिन्न से बात करने की क्षमता सहित कई ईश्वर प्रदत्त उपहार दिए गए थे। अरब इतिहासकारों ने सुलैमान को दुनिया भर के सबसे महान शासकों में से एक माना

इज़राइल के राजा
शासनावधि c. 970–931 BCE
पूर्ववर्ती दाउद
उत्तरवर्ती
रहूबियाम
जन्म c. 990 BCE
यरुशलम, यूनाइटेड किंगडम ऑफ इज़राइल
निधन c. 931 BCE (aged c. 58 – 59)
यरुशलम, यूनाइटेड किंगडम ऑफ इज़राइल
समाधि यरुशलम
जीवनसंगी
नामाह, फिरौन की बेटी
शाही जन्म की 700 पत्नियाँ और 300 रखैलें
संतान
घराना
डेविड का घर
पिता दाउद
माता
बतशेबा

सुलैमान (९६१-९२२ ई. पू.) इब्राहीमी धर्मों के अनुसार यहूदियों के राजा दाउद और बेथसाबे का पुत्र। उन्हें एक नबी तथा इस्लाम में एक पैगम्बर भी माना जाता है। बाइबल और कुरान के कथा के अनुसार अपनी माता, थाजक सादोक तथा नबी नायन के सम्मिलित प्रयास से सुलैमान अपने अग्रज अदोन्या का अधिकार अस्वीकार कराने में समर्थ हुए और वह स्वयं राजा बन गए। हिब्रू बाइबल ने उन्हें यरूशलेम में पहले मंदिर के निर्माता के रूप में पहचाना,[3] अपने शासनकाल के चौथे वर्ष में, उनके और उनके पिता के पास अकूत संपत्ति का उपयोग करके। उसने मंदिर को इस्राएल के परमेश्वर, यहोवा को समर्पित किया।

परिचय

बाइबिल में दिए गए कहानी के अनुसार सुलैमान ने यरुशलम का विश्वविख्यात मंदिर तथा बहुत से महल और दुर्ग बनवाए। अपने अंतरराष्ट्रीय संबंधों को सदृढ़ बना लेने के उद्देश्य से उन्होंने फराऊन की पुत्री के अतिरिक्त और बहुत सी विदेशी राजकुमारियों के साथ विवाह किया। उन्होंने यरुशलेम के मंदिर को देश के धार्मिक जीवन का केंद्र बनाया और अनेक अन्य बातों में भी केंद्रीकरण को बढ़ावा दिया।

अपने निर्माण कार्यों के कारण उन्होंने प्रजा पर करों का अनुचित भार डाल दिया था जिससे उनकी मृत्यु के बाद विद्रोह हुआ और उनके राज्य के दो टुकड़े हो गए-

  • (१) उत्तर में इसराएल अथवा समारिया जो जेरोबोआम के शासन में आ गया और जिसमें दस वंश सम्मिलित हुए,
  • (२) दक्षिण में यहूदा अथवा यरुसलेम, जिसमें दो वंश सम्मिलित थे और जो रोवोआप के शासन में आ गया।

परवर्ती पीड़ितों ने सुलैमान को आदर्श के रूप में देखकर उनको यहूदियों का सबसे प्रतापी राजा मान लिया है किंतु वास्तविकता यह है कि अत्यधिक केंद्रीकरण तथा करभार के कारण उनका राज्यकाल विफलता में समाप्त हुआ। उनके द्वारा निर्मित भवन उनकी ख्याति के एक मात्र आधार थे। वह अपनी बुद्धिमानी के लिए प्रसिद्ध हुए और इस कारण नीति, उपदेशक, श्रेष्ठ गीत, जैसे बाइबिल के अनेक परवर्ती प्रामाणिक ग्रंथों का श्रेय उनको दिया जाता था। कुछ अन्य प्रामाणिक ग्रंथ भी उनके नाम भी प्रचलित हैं।

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