JEE Mains: मां लज्जावती घरों में धोती है बर्तन, बेटे अंकित पटेल ने हासिल किए 99.29 फीसद अंक
जेईई मेंस परीक्षा का रिजल्ट घोषित हो गया हैं। जेईई मेंस परीक्षा में शानदार प्रदर्शन करते हुए बाराबंकी जिले के कार्तिक विहार निवासी अंकित पटेल ने 99.29 फीसद अंक हासिल किए हैं। विपरीत हालात में अपना साहस बरकराक रखा अंकित ने यह गौरव हासिल किया है। बता दें कि अंकित के पिता अशोक पटेल का निधन करीब 5 वर्ष पहले हो गया था। तो वहीं, अंकित की मां लज्जावती ने घरों में बर्तन धोकर व लखनऊ के एक निजी स्कूल में छोटे-छोटे बच्चों की देखभाल की नौकरी कर उसे पढ़ाया लिखाया है।
अंकित की पढ़ाई में नहीं आने की किसी भी प्रकार की बाधा
अंकित वर्तमान समय में श्री साईं इंटर कालेज लखपेड़ाबाग में 12 वीं के छात्र हैं। इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सफलता की कुंजी मिलने के बाद अंकित अपनी बीते जीवन के क्षणों को बयां नहीं करना चाहते। अंकित केवल अपनी पढ़ाई और मेहनत को लक्ष्य मानते हैं। रिजल्ट देखकर जितनी खुशी अंकित को हुई, उससे कहीं ज्यादा खुशी अंकित की मां लज्जावती को हुई। लज्जावती की मानें तो उन्होंने अपने बेटे अंकित को इंजीनियर बनाने का सपना देखा था, साथ ही वो अपने एक लौते बेटे को लेकर काफी चिंतित रहती थी। हालांकि, उन्होंने आर्थिक तंगी को भी आड़े नहीं आने दिया। न दिन देखा न रात, बस काम किया। लेकिन अंकित की पढ़ाई में किसी भी प्रकार की बाधा नहीं आने दी।
घरों में धोए बर्तन, स्कूल में छोटे-छोटे बच्चों की देखभाल
लज्जावती कहना है कि अंकित को पढ़ाई के लिए कभी कहना नहीं पड़ा और न ही सुबह जगाना पड़ा, वो खुद ही अपनी पढ़ाई करता है। रात में कभी-कभी सोने के लिए लिए कहना पड़ता था। अंकित की मां लज्जावती घरों में बर्तन धोती हैं और लखनऊ के एक निजी स्कूल में छोटे-छोटे बच्चों की देखभाल की नौकरी कर रही हैं। जिस कमाई से वो अपना खर्च और अपने बेटे को पाल रही हैं। देश की सर्वश्रेष्ठ इंजीनियरिंग की परीक्षा आईआईटी जेईई मेन्स में नाम आने पर काफी खुशी है।
कॉलेज से भी मिली मदद
अंकित के मामा शंकर पटेल का कहना है कि अंकित के पिता की मौत के बाद घर की दुर्दशा देखते हुए थोड़ी आर्थिक मदद कर दी गई थी। बताया कि अंकित के पास फीस के पैसे नहीं थे, लेकिन श्री साईं इंटर कालेज लखपेड़ाबाग के प्रबंधन सदस्य सुरेंद्र वर्मा ने फीस माफ कर दी। इतना ही नहीं, इंजीनियरिंग क्षेत्र जाने की ललक देख जेईई की किताबों के लिए आर्थिक मदद कर रहे हैं। जीवन की तमाम दुश्वारियों और कठिनाइयों के बीच अंकित पटेल ने जेईई मेंस में जगह बनाई है। जिससे जिले के साथ अपने स्कूल का नाम किया रोशन किया है।