Jeete Bhi Lakdi Marte Bhi Lakdi Lyrics, जीते भी लकड़ी मरते भी लकड़ी लिरिक्स

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जीते भी लकड़ी मरते भी लकड़ी,
देख तमाशा लकड़ी का |

क्या जीवन क्या मरण कबीरा,
खेल रचाया लकड़ी का ||

जीते भी लकड़ी…

जिसमे तेरा जनम हुआ,
वो पलंग बना था लकड़ी का |

माता तुम्हारी लोरी गाए,
वो पलना था लकड़ी का |

जीते भी लकडी मरते भी लकडी,
देख तमाशा लकड़ी का ||

पढ़ने चला जब पाठशाला में,
लेखन पाठी लकड़ी का |

गुरु ने जब जब डर दिखलाया,
वो डंडा था लकड़ी का |

जीते भी लकडी मरते भी लकडी,
देख तमाशा लकड़ी का ||

जिसमे तेरा ब्याह रचाया,
वो मंडप था लकड़ी का |

जिसपे तेरी शैय्या सजाई,
वो पलंग था लकड़ी का |

जीते भी लकडी मरते भी लकडी,
देख तमाशा लकड़ी का ||

डोली पालकी और जनाजा,
सबकुछ है ये लकड़ी का |

जनम मरण के इस मेले में,
है सहारा लकड़ी का |

जीते भी लकडी मरते भी लकडी,
देख तमाशा लकड़ी का ||

उड़ गया पंछी रह गई काया,
बिस्तर बिछाया लकड़ी का |

एक पलक में ख़ाक बनाया,
ढ़ेर था सारा लकड़ी का |

जीते भी लकडी मरते भी लकडी,
देख तमाशा लकड़ी का ||

मरते दम तक मिटा नहीं भैया,
झगड़ा झगड़ी लकड़ी का |

राम नाम की रट लगाओ तो,
मिट जाए झगड़ा लकड़ी का |

जीते भी लकडी मरते भी लकडी,
देख तमाशा लकड़ी का ||

क्या राजा क्या रंक मनुष संत,
अंत सहारा लकड़ी का |

कहत कबीरा सुनो भई साधु,
ले ले तम्बूरा लकड़ी का |

जीते भी लकड़ी मरते भी लकड़ी,
देख तमाशा लकड़ी का |

क्या जीवन क्या मरण कबीरा,
खेल रचाया लकड़ी का ||

जीते भी लकड़ी…

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