क्योंकि अब हमें पता है – मनु कश्यप

0

क्योंकि अब हमें पता है

कितने भाग्यशाली हैं वे लोग
जो आंखें मूंद कर
हाथ जोड़ कर
सुनते हैं कथा
कह देते हैं अपनी सब व्यथा
मांग लेते हैं वरदान
पालनहारे से।
और हम
पढ़ कर
चिंतन मनन कर
हुए पंडित
नहीं कर पाते यह सब
क्योंकि अब हमें पता है
नहीं है कोई पालनहारा।

अनायास ही उपजे हैं हम
बिना किसी ध्येय के
इस धरती पर
और क्योंकि अब
हम समझते हैं सब
पाते नहीं हैं कोई प्रयोजन
जीवन जीने का
पुरुषार्थ करने का
पर कहें किससे
कि हमे उठा ले
क्योंकि अब तो हमें पता है
कोई नहीं है पालनहारा
हमारा रखवाला
और बिना प्रयोजन
बेमतलब सा है
यह जीवन हमारा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *