मेरे दोनो हाथो में ऐसी लकीर है जैन भजन

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मेरे दोनो हाथो में,
ऐसी लकीर है,
दादा से मिलन होगा,
मेरी तकदीर है,
लिखा है ऐसा लेख दादा,
लिखा है ऐसा लेख,
लिखा है ऐसा लेख दादा,
लिखा है ऐसा लेख।।

लिखता है लिखने वाला,
सोच समझ कर,
मिलना बिछुड़ना दादा,
होता समय पर,
इसमे मीन न मेख दादा,
इसमे मीन न मेख,
लिखा है ऐसा लेख दादा,
लिखा है ऐसा लेख,
लिखा है ऐसा लेख दादा,
लिखा है ऐसा लेख,
मेरे दोनो हाथो मे,
ऐसी लकीर है।।

किस्मत का लेख कोई,
मिटा नही पायेगा,
कैसे मिलन होगा,
समय ही बताएगा,
मिटती नही है रेख दादा,
मिटती नही है रेख,
लिखा है ऐसा लेख दादा,
लिखा है ऐसा लेख,
लिखा है ऐसा लेख दादा,
लिखा है ऐसा लेख,
मेरे दोनो हाथो मे,
ऐसी लकीर है।।

न वो दिन रहे ना,
ये दिन रहेंगे,
दादा तुम देख लेना,
जल्दी मिलेंगे,
इन हाथो को देख दादा,
इन हाथो को देख,
लिखा है ऐसा लेख दादा,
लिखा है ऐसा लेख,
लिखा है ऐसा लेख दादा,
लिखा है ऐसा लेख,
मेरे दोनो हाथो मे,
ऐसी लकीर है।।

कुंजन तेरी शरण में आया,
आकर के चरणों में,
शीश नवाया,
इन भक्तो को देख दादा,
इन भक्तो को देख,
लिखा है ऐसा लेख दादा,
लिखा है ऐसा लेख,
लिखा है ऐसा लेख दादा,
लिखा है ऐसा लेख,
मेरे दोनो हाथो मे,
ऐसी लकीर है।।

मेरे दोनो हाथो में,
ऐसी लकीर है,
दादा से मिलन होगा,
मेरी तकदीर है,
लिखा है ऐसा लेख दादा,
लिखा है ऐसा लेख,
लिखा है ऐसा लेख दादा,
लिखा है ऐसा लेख।।

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