Naam Hari Ka Japle Bande Phir Piche Pachtaayega Lyrics || नाम हरि का जपले बन्दे फिर पीछे पछतायेगा लिरिक्स

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।। नाम हरी का जप ले बन्दे, फिर पीछे पछतायेगा ।।

तू कहता है मेरी काया, काया का गुमान क्या ।
चाँद सा सुन्दर यह तन, तेरा मिटटी में मिल जाएगा ।।
फिर पीछे पछतायेगा…

बालपन में खेला खाया, आया जवानी मस्त रहा ।
बूडापन में रोग सताए, खाट पड़ा पछतायेगा ।।

वहां से क्या तू लाया बन्दे, यहाँ से क्या ले जाएगा ।
मुठ्ठी बाँध के आया जग में, हाथ पसारे जाएगा ।।

जपना है सो जपले बन्दे, आखिर तो मिट जाएगा ।
कहत कबीर सुनो भाई साधो, करनी का फल पायेगा ।।

 

Naam Hari Ka Japle Bande Phir Piche Pachtaayega English Lyrics

Naam Hari Ka Japle Bande ।
Phir Pache Pachtayega ।।

Tu Kehta Hai Meri Kaya,
Kaya Ka Gumaan Kya ।
Chand Sa Sundar Tan,
Yah Mitti Me Mil Jayega ।।
Phir Pache Pachtayega…

Baalpan Me Khela Khaya,
Aaya Jawani Mast Raha ।
Budhapan Me Rog Sataye,
Khaat Pada Pachyaega ।।

Waha Se Kya Tu Laaya Bande,
Yaha Se Kya Le Jayega ।
Mutthi Bandh Ke Aaya Jag Me,
Haath Pasare Jayega ।।

Japna Hai So Japle Bande,
Aakhir To Mit Jayega ।
Kahat Kabir Suno Bhai Sadho,
Karni Ka Fal Payega ।।

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