Paar Lagawo Bhav Se Hari Mohe Lyrics || पार लगावो भव से हरि मोहे लिरिक्स || Yoga Leela Bhajan

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हरि मोहे पार लगावो
पार लगावो भव से हरि मोहे
हरि मोहे पार लगावो
पार लगावो भव से…..

चंचल चित मोरा उड़त फिरत है
बाँधन चाहूँ नाहि बँधत है
हो साँई हो साँई,
मोरा जियरा छुड़ावो भव से
पार लगावो….

भाँति भाँति की रस्सी बनाकर
बाँधा इन्द्रियों ने भरमाकर
हो साँई हो साँई
मेरा बंधन काँटो भव से
पार लगावो…

तुम सच्चे गुरु समरथ स्वामी
मैँ मूरख कामी अज्ञानी
हो साँई….हो साँई….
मोहे डूबता उबारो भव से
पार लगावो….

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