Saj Gayi Khatu Nagri Lyrics || सज गयी खाटू नगरी लिरिक्स

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सज गयी खाटू नगरी, शोभा अपरम्पार है,
बैठा सजधज के देखो, मेरा लखदातार है ।
उमड़ी जन्मदिवस पर, भगतों की कतार है,
बैठा सजधज के देखो, मेरा लखदातार है ।।

सज गयी खाटू नगरी, शोभा अपरम्पार है ।।

रंग बिरंगे निशान उठाये,
भगत हर ओर से आये ।
कोई लहराए कोई बलखाये,
कोई श्याम भजन सुनाये ।।

रौनक रींगस से खाटू, की न जाये कही,
लगता है स्वर्ग उतरा, इस धरा पर हीं ।
मानव रूप में क्या ये, देवों का अवतार है,
बैठा सजधज के देखो, मेरा लखदातार है ।।

सज गयी खाटू नगरी, शोभा अपरम्पार है ।।

हर ग्यारस से अलग है ये ग्यारस,
जिसे श्याम प्रेमी तरसते ।
बड़े भाग्यवालों पे श्याम कृपा के,
यहां आज बादल बरसते ।।

जो भी देने बधाई, खाटू धाम आ गया,
उसको बिन बोले, दुख से आराम आ गया ।
हर इक प्रेमी श्याम की, लीला पर निसार है,
बैठा सजधज के देखो, मेरा लखदातार है ।।

सज गयी खाटू नगरी, शोभा अपरम्पार है ।।

रंगीं गुब्बारों की झांकी कहीं पे,
कहीं फूल बंगला सजाया ।
कोई केक लाया है मेवों वाला,
कोई चूरमा ले के आया ।।

सारे दीवाने मस्ती में डोल रहे,
आओ जीमो सांवरिया यही बोल रहे ।
गुलशन भक्तों के संग, झूम रहा सरकार है,
बैठा सजधज के देखो, मेरा लखदातार है ।।

सज गयी खाटू नगरी, शोभा अपरम्पार है ।।

सज गयी खाटू नगरी, शोभा अपरम्पार है,
बैठा सजधज के देखो, मेरा लखदातार है ।
उमड़ी जन्मदिवस पर, भगतों की कतार है,
बैठा सजधज के देखो, मेरा लखदातार है ।।

सज गयी खाटू नगरी, शोभा अपरम्पार है ।।

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