जब मिलेगी रोशनी मुझसे मिलेगी – राम अवतार त्यागी
इस सदन में मैं अकेला ही दिया हूँ; मत बुझाओ! जब मिलेगी, रोशनी मुझसे मिलेगी… पाँव तो मेरे थकन ने...
इस सदन में मैं अकेला ही दिया हूँ; मत बुझाओ! जब मिलेगी, रोशनी मुझसे मिलेगी… पाँव तो मेरे थकन ने...
कोई दुख नया नहीं है सच मानो, कुछ भी नहीं है नया कोई टीस, कोई व्यथा, कोई दाह कुछ भी,...
कहां तो सत्य की जय का ध्वजारोहण किया था‚ कहां अन्याय से नित जूझने का प्रण लिया था‚ बुराई को...
(एक) बहुत दिनों के बाद हम उसी नदी के तट से गुज़रे जहाँ नहाते हुए नदी के साथ हो लेते...
देखो यह जग का परिवर्तन जिन कलियों को खिलते देखा मृदु मारुत में हिलते देखा प्रिय मधुपों से मिलते देखा...
साधो ये मुरदों का गांव! पीर मरे, पैगम्बर मरि हैं, मरि हैं ज़िन्दा जोगी, राजा मरि हैं, परजा मरि हैं,...
रोते रोते बहल गई कैसे रुत अचानक बदल गई कैसे मैंने घर फूँका था पड़ौसी का झोपड़ी मेरी जल गई...
मेरे कंधे पर बैठा मेरा बेटा जब मेरे कंधे पर खड़ा हो गया मुझसे कहने लगा देखो पापा मैं तुमसे...
जिसके पीछे पागल हो कर मैं दौड़ा अपने जीवन भर, जब मृगजल में परिवर्तित हो, मुझ पर मेरा अरमान हँसा!...
निश्वासों सा नीड़ निशा का बन जाता जब शयनागार, लुट जाते अभिराम छिन्न मुक्तावलियों के वंदनवार तब बुझते तारों के...
आ गए तुम, द्वार खुला है अंदर आओ…! पर तनिक ठहरो, ड्योढ़ी पर पड़े पाएदान पर अपना अहं झाड़ आना…!...
जब मैं छोटा था दुनियाँ शायद बहुत बड़ी हुआ करती थी, मुझे याद है, मेरे घर से स्कूल तक का...